चीन में अधिकारिक तौर पर धुम्रपान करने वालों से कहा जाता है की यह आपके लिए हानिकारक है इसे तुरंत रोक दें इसे आदत ना बनायें | यह एक अच्छी सलाह है पर तिंजिन शहर के एक नागरिक के लिए इस सलाह को अपनाने के लिए बहुत देर हो चुकी है |
तोंग लिंग्लिंग कोई लंबे समय से धुम्रपान नही कर रहा है उसे धुम्रपान करते हुए बस आधा साल ही हुआ है | वह एक दिन में एक पैक सिगरेट पि जाता है |
तोंग लिंग्लिंग केवल दो साल का है |
इस परिस्थिति के लिए तोंग लिंग्लिंग के पिता को धन्यवाद देना चाहिए जिसने इस बच्चे में यह आदत डाली | जब लिंग्लिंग डेढ़ साल का था तो उसे हर्निया के दर्द की शिकायत थी | पर इतने छोटे से बच्चे का ऑपरेशन नही हो सकता था इस लिए इसके पिता ने सोचा शायद सिगरेट से बच्चे को दर्द में आराम मिले और उसे बच्चे को सिगरेट पीना सिखा दिया |
इस इलाज से बच्चे को कितना फायदा हुआ यह स्पष्ट नही है पर इतना जरूर है की इससे दो बातें हुई एक तो यह की Tong लिंग्लिंग दुनिया का सबसे युवा धुम्रपान करने वाला बन गया और इतनी छोटी उम्र में ख़ुद सिगरेट जलना सीख गया जो देखने में अजीब लगता है |
दूसरी बात की एक छोटे बच्चे का जीवन बरबाद हो गया | जब बच्चे का सिगरेट ख़त्म हो जाता है तो वह चिर्चिड़ा हो जाता है |पर इस बात को लेकर इस बच्चे के पिता बिल्कुल भी चिंतित नही है |link
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शुक्रवार, 31 जुलाई 2009
गुरुवार, 30 जुलाई 2009
चीनी लड़का अंधेरे में भी देख सकता है
दक्षिणी चीन में केट बॉय के नाम से जाना जाने वाला नोंग यूही की यह एक विचित्र खूबी है की वह रात के गुप्प अंधेरे में भी अपनी नीली आँखों से देख सकता है जो अंधेरे में चमकती है |
नीली चमकीली आंख का होना चीन में एक अजीब बात है | नोंग यूही के पिता लिंग के अनुसार वह इस बात से चिंतित रहते थे की वह रात के अंधेरे में भी उन चीजों को देख लेता है जिसे वह कभी समझ भी नही पाते थे |
लिंग के अनुसार लोग कहते थे की वह ठीक हो जाएगा तथा उसकी ऑंखें भी अन्य चीनियों की तरह काली हो जाएँगी जो नही हुई |
जब लड़के का चिकित्सिये निरिक्षण हुआ तो पाया गया की वह अंधेरे में भी उतनी आसानी से पढ़ सकता है जितनी आसानी से लोग दिन के उजाले में पढ़ सकते हैं |
विशेषज्ञों के अनुसार लड़के का जन्म जीर्ण अवस्था में हुआ था जिसे लयूकोदेर्मिया के नाम से जाना जाता है इस में धब्बा या पट्टी जैसा निशान वर्णक त्वचा पर होता है | लयूकोदेर्मिया का सटीक कारण अभी तक पूरी तरह से समझ नही आया है, यह स्वतः परिरक्षा विकार का परिणाम होता है | इसमे ऑंखें प्रकाश के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती हैं | और यह बिना रक्षात्मक वर्णक के होता है जो सामान्य आँखों में पाया जाता है |
यह विचित्र विसगती कई असहज सवाल उठता है की क्या मानव अभी भी निर्माण की प्रक्रिया में है |link
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नीली चमकीली आंख का होना चीन में एक अजीब बात है | नोंग यूही के पिता लिंग के अनुसार वह इस बात से चिंतित रहते थे की वह रात के अंधेरे में भी उन चीजों को देख लेता है जिसे वह कभी समझ भी नही पाते थे |
लिंग के अनुसार लोग कहते थे की वह ठीक हो जाएगा तथा उसकी ऑंखें भी अन्य चीनियों की तरह काली हो जाएँगी जो नही हुई |
जब लड़के का चिकित्सिये निरिक्षण हुआ तो पाया गया की वह अंधेरे में भी उतनी आसानी से पढ़ सकता है जितनी आसानी से लोग दिन के उजाले में पढ़ सकते हैं |
विशेषज्ञों के अनुसार लड़के का जन्म जीर्ण अवस्था में हुआ था जिसे लयूकोदेर्मिया के नाम से जाना जाता है इस में धब्बा या पट्टी जैसा निशान वर्णक त्वचा पर होता है | लयूकोदेर्मिया का सटीक कारण अभी तक पूरी तरह से समझ नही आया है, यह स्वतः परिरक्षा विकार का परिणाम होता है | इसमे ऑंखें प्रकाश के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती हैं | और यह बिना रक्षात्मक वर्णक के होता है जो सामान्य आँखों में पाया जाता है |
यह विचित्र विसगती कई असहज सवाल उठता है की क्या मानव अभी भी निर्माण की प्रक्रिया में है |link
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बुधवार, 29 जुलाई 2009
दिल्लिंगेर का पिस्टल $९५,६०० में बिका
एक चोटी सी पिस्टल जो १९३० के कुख्यात बदमास जॉन दिल्लिंगेर का है एक निजी संग्रहकर्ता द्वारा $९५,६०० में ख़रीदा गया जो की अनुमानित बोली से दुगने से अधिक है |
डल्लास के हेरिटेज ऑक्शन गेल्लरी के अनुसार यह पिस्टल दिल्लिंगेर के जुराब में पाया गया था जब उसे एरिजोना के टुक्क्सोन शहर में १९३४ में गिरफ्तार किया गया था |
इस पिस्टल के मालिक जो ख़ुद को गुप्त रखना चाहता है के अनुसार उसे इसे अपने ख़राब स्वश्थ्य के कारण बेचा है उसके अनुसार उसे $३५००० से $ ४५००० तक की कीमत मिल जाएगा | पर एक निजी संग्रकर्ता ने इसे $९५६०० में खरीद लिया |link
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डल्लास के हेरिटेज ऑक्शन गेल्लरी के अनुसार यह पिस्टल दिल्लिंगेर के जुराब में पाया गया था जब उसे एरिजोना के टुक्क्सोन शहर में १९३४ में गिरफ्तार किया गया था |
इस पिस्टल के मालिक जो ख़ुद को गुप्त रखना चाहता है के अनुसार उसे इसे अपने ख़राब स्वश्थ्य के कारण बेचा है उसके अनुसार उसे $३५००० से $ ४५००० तक की कीमत मिल जाएगा | पर एक निजी संग्रकर्ता ने इसे $९५६०० में खरीद लिया |link
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सोमवार, 27 जुलाई 2009
वसा मुक्त चॉकलेट
अब आप चॉकलेट उस समय भी खा सकते हैं जब आप डाइट पर हों |
इसके निर्माता का कहना है की इसमे ९०% कम वशा है तथा यह इतनी आसानी से पिघलता भी नही है जितनी आसानी से आमतौर पर चॉकलेट पिघल जाते हैं |
स्विस चॉकलेट निर्माता बर्री काल्लेबौत ने इसका नाम "वुल्कानो" रखा है क्योंकि यह ५५ सेल्सियस पर भी नही पिघलता है |
कम्पनी के अधिवक्ता का कहना है की इसे हमारे कारीगरों ने एक दुर्घटना में विकसित किया | इसका निर्माण सुनियोजित नही था |
यह चॉकलेट मुह में तो पिघलता है पर मुह में उपस्थित लार के कारण ना की उस गर्मी के कारण जो की इसको घुलने के लिए चाहिए |
कम्पनी का कहना है की वह वुल्कानो को कैडबरी और नेस्त्ले को बेच सकती है या अपने चॉकलेट बार में इस्तेमाल कर सकती है अगले दो वर्षों के अन्दर |
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इसके निर्माता का कहना है की इसमे ९०% कम वशा है तथा यह इतनी आसानी से पिघलता भी नही है जितनी आसानी से आमतौर पर चॉकलेट पिघल जाते हैं |
स्विस चॉकलेट निर्माता बर्री काल्लेबौत ने इसका नाम "वुल्कानो" रखा है क्योंकि यह ५५ सेल्सियस पर भी नही पिघलता है |
कम्पनी के अधिवक्ता का कहना है की इसे हमारे कारीगरों ने एक दुर्घटना में विकसित किया | इसका निर्माण सुनियोजित नही था |
यह चॉकलेट मुह में तो पिघलता है पर मुह में उपस्थित लार के कारण ना की उस गर्मी के कारण जो की इसको घुलने के लिए चाहिए |
कम्पनी का कहना है की वह वुल्कानो को कैडबरी और नेस्त्ले को बेच सकती है या अपने चॉकलेट बार में इस्तेमाल कर सकती है अगले दो वर्षों के अन्दर |
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शनिवार, 25 जुलाई 2009
डा. अब्दुल कलम की तलाशी (भारत की बेइज्जती)
एक वाकया जो निश्चित रूप से भारतवासियों के लिए बड़ी शर्म की बात है| हमारे पूर्व राष्ट्रपति की कांटिनेंटल अमेरिकी एयरलाइन्स द्वारा तलाशी ली गई| एक अरब से ज्यादा की जनसँख्या वाला भारतवर्ष क्या इतना कमजोर है की वह अपने सर्वोच्च नागरिक के सम्मान की रक्षा भी नही कर सकता है | आज हम भले ही चाँद पर पहुँच जायें | पर जब हम अपने सम्मान की रक्षा नही कर सकते है तो यह सब व्यर्थ है |
अब्दुल कलम जी केवल हमारे राष्ट्रपति ही नही रहे है बल्कि युवाओं के आदर्श पुरूष भी हैं | क्या उनके साथ हुआ व्यव्हार छ्म्य है | इसका जवाब होगा नही | क्या भारतीये अधिकारी किसी देश एक पूर्व राष्ट्रपति की तलाशी लेने की हिम्मत कर सकतें है तो जवाब होगा नही |
मुझे याद है जब बिल क्लिंटन अपने कार्यकाल मैं भारत के दौरे पर आए थे | उस समय उनकी सुरक्षा मैं भारतीये जवान नही बल्कि अमेरिकी सुरक्षा कर्मी लगे थे | इसका अर्थ स्पष्ट था की अमेरिकी सुरक्षा तंत्र को भारत पर विश्वाश नही था |
भारत के प्रतिनिधियों के साथ ऐसा वाकिया पहली बार नही हुआ है | हमारे रक्षा मंत्री जार्ज फर्नाद्दिस की भी कपरे उतार कर तलाशी ली गई थी | एक स्वतंत्र देश की गरिमा का सम्मान दुसरे स्वतंत्र देश को करनी चाहिए |
यह घटना गुलामो के साथ होने वाली घटना के सामान है | इस घटना को हलके में नही लेना चाहिए | भारत सरकार को चाहिए की इसका मुखर विरोध करे | तथा इस एयरलाइन्स पर भारत में पाबंधी लगा देनी चाहिए | जो भारत का सम्मान नही कर सकता उसके लिए भारत में कोई जगह नही है |
भारत का आत्मसम्मान इतना सस्ता नही है जो किसी के हाथ की कठपुतली बन जाए | इस तरह की घटनाये निश्चित रूप से हमारे युवा विश्वाश को कम करती है और यह घटना इस बात का भी सूचक है तीसरी दुनिया का सक्तिशाली देश भारत वासत्व में कितना सक्तिशाली है |
क्या हम अपना आत्मा सम्मान बेच कर सक्तिशाली कहलाना पसंद करेंगे| जवाब है नही | क्योंकि बिना आत्म सम्मान के कोई भी सक्तिशाली या इज्जतदार नही बन सकता है |
आगे यह सवाल भारत की युवा पीढी, राजनयिक व उन सभी वर्गों पर छोड़ता हूँ जो विचारवान हैं | की हम सब को किस तरह आगे बढ़ाना है | आत्मसमान के साथ या इस के बिना?
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अब्दुल कलम जी केवल हमारे राष्ट्रपति ही नही रहे है बल्कि युवाओं के आदर्श पुरूष भी हैं | क्या उनके साथ हुआ व्यव्हार छ्म्य है | इसका जवाब होगा नही | क्या भारतीये अधिकारी किसी देश एक पूर्व राष्ट्रपति की तलाशी लेने की हिम्मत कर सकतें है तो जवाब होगा नही |
मुझे याद है जब बिल क्लिंटन अपने कार्यकाल मैं भारत के दौरे पर आए थे | उस समय उनकी सुरक्षा मैं भारतीये जवान नही बल्कि अमेरिकी सुरक्षा कर्मी लगे थे | इसका अर्थ स्पष्ट था की अमेरिकी सुरक्षा तंत्र को भारत पर विश्वाश नही था |
भारत के प्रतिनिधियों के साथ ऐसा वाकिया पहली बार नही हुआ है | हमारे रक्षा मंत्री जार्ज फर्नाद्दिस की भी कपरे उतार कर तलाशी ली गई थी | एक स्वतंत्र देश की गरिमा का सम्मान दुसरे स्वतंत्र देश को करनी चाहिए |
यह घटना गुलामो के साथ होने वाली घटना के सामान है | इस घटना को हलके में नही लेना चाहिए | भारत सरकार को चाहिए की इसका मुखर विरोध करे | तथा इस एयरलाइन्स पर भारत में पाबंधी लगा देनी चाहिए | जो भारत का सम्मान नही कर सकता उसके लिए भारत में कोई जगह नही है |
भारत का आत्मसम्मान इतना सस्ता नही है जो किसी के हाथ की कठपुतली बन जाए | इस तरह की घटनाये निश्चित रूप से हमारे युवा विश्वाश को कम करती है और यह घटना इस बात का भी सूचक है तीसरी दुनिया का सक्तिशाली देश भारत वासत्व में कितना सक्तिशाली है |
क्या हम अपना आत्मा सम्मान बेच कर सक्तिशाली कहलाना पसंद करेंगे| जवाब है नही | क्योंकि बिना आत्म सम्मान के कोई भी सक्तिशाली या इज्जतदार नही बन सकता है |
आगे यह सवाल भारत की युवा पीढी, राजनयिक व उन सभी वर्गों पर छोड़ता हूँ जो विचारवान हैं | की हम सब को किस तरह आगे बढ़ाना है | आत्मसमान के साथ या इस के बिना?
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