शनिवार, 29 नवंबर 2008

Old Weird Customs of Christmas

क्रिसमस की अजीब रस्मे
  1. प्राचीन काल में दृइड्स (उस समय के ईसाई पुजारी) से जलते हुए योले लकड़ी की मशाल को लेना १२ दिन के क्रिसमस के त्यौहार एक अभिन्न हिस्सा हुआ करता था | इसे सौभाग्य के रूप में देखा जाता था |
  2. मध्य काल से विक्टोरिया के समय तक हॉट कोक्क्लेस नाम का क्रिसमस खेल बहुत प्रसिद्ध था | इस खेल में एक खिलाड़ी आंखों पर पट्टी बांधे खिलाड़ी को मुक्का मरता है और दुसरे खिलाड़ी को उस खिलाड़ी का नाम बताना होता है जिसने उसे मुक्का मारा है |
  3. मध्य काल में रीछ का सिर पारंपरिक क्रिसमस व्यंजन के रूप में इस्तेमाल होता था | यह परम्परा तब से शुरू हुई जब एक रीछ ने विश्वविद्यालय के छात्र पर हमला कर दिया और छात्र ने अपनी जान बचाने के लिए अरिस्तोतले के लेख की किताब रीछ के गले में ठूस दिया जिससे रीछ दम घुटने से मर गया और वोह छात्र रीछ का सिर काट कर अपने कॉलेज ले आया |
  4. एक सेल्टिक कथा के अनुसार फसलों के देवता दगडा ने पृथ्वी पर उपस्थित सभी अच्छी चीजों से दलिया बनाया | फ्रुमेंटी नाम का मसालेदार दलिया क्रिसमस के दिन बनाया जाता था जिसे सभी आमिर और गरीब खाते थे, जिसका स्थान अब आधुनिक क्रिसमस पुद्दिंग्स ने ले लिया है |
  5. अमेरिका के कुच्छ कस्बों के नाम क्रिसमस या इससे संबंधित परम्पराओं पर हैं | संता क्लोज नाम का क़स्बा एरिजोना और इन्डियाना में है, नोएल मिस्सौरी में है तथा क्रिसमस नाम का क़स्बा एरिजोना और फ्लोरिडा में है



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बुधवार, 26 नवंबर 2008

Weird human in history

अंधेरे में भी पढ सकता था

इटली में गियोबना गलान्ती नामक एक ऐसा बालक था, जो रात के अंधेरे में भी पढ़ सकता था | १९२८ में उसे उसकी स्वास्थ्य परीक्षा के बाद अमेरिका नही जाने दिया गया था | पढ़ते समय मुख्य कार्य मस्तिष्क करता है और कोई भी मस्तिष्क प्रकाश के बिना पढ़ नही सकता, फिर इस बालक में यह क्षमता कहाँ आई |

छः माह का था, बाइबल पढ़ लेता था

फ्रांस में जन्मे लुईस कार्डक ४ वर्ष की उम्र में ही अंग्रेजी, फ़्रांसीसी, जर्मनी तथा अन्य यूरोपीय भाषाएं बोल लेते थे | इससे भी बड़ा आश्चर्य यह था की वह छह माह की आयु में ही बाइबल पढ़ लेते थे | छः वर्ष की आयु तक पहुचने पर कोई भी प्रोफेसर गणित, इतिहास और भूगोल में इनकी बराबरी नही कर पता था |

बारह वर्ष का बारह भाषायें सीखी

स्काटलैंड में जेम्स क्रिस्टन नाम के बालक ने १२ वर्ष की उम्र में अरबी, ग्रीक, यहूदी, तथा फ्लेमिश सहित विश्व की १२ भाषाएं सिख ली थी | २० वर्ष में इन सभी भाषायों का पंडित हो गया था |

चौदह वर्ष का डी .फिल

ह्लेसी पास्कल ने बारह वर्ष की आयु में ही ध्वनि शास्त्र पर निबंध प्रस्तुत कर सारे फ्रांस को आश्चर्य में डाल दिया था | जीन फिलिप बेरोतियर को चौदह वर्ष की आयु में ही डाक्टर ऑफ़ फिलोसफी उपाधि मिल गयी थी | उनकी स्मरण सकती इतनी तीव्र थी की दिन याद कराने की देर होती थी, उस दिन की व्यतिगत, राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय घटनाये भी टेप की भांति दोहरा सकते थे |

तीन साल का और आठंवी में


जनि नामक ऑस्ट्रेलियाई बालक को जब तीन वर्ष की आयु में विद्यालय में प्रवेश कराया तो वो उसी दिन से आठंवी कक्षा के छात्रों की पुस्तक पढ़ लेता था | उसे हाई स्कूल में केवल इसलिए प्रवेश नही दिया जा सका, क्यूंकि उस समय उसकी आयु कुल पाँच वर्ष थी, जबकि निर्धारित आयु १२ वर्ष न्यूनतम थी |


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गुरुवार, 13 नवंबर 2008

Weird Worship of India

चूहों की पूजा
देशनोके राजस्थान का एक छोटा सा गाँव जहाँ चूहों की पूजा होती है| यहाँ करनी देवी का मन्दिर है जहाँ आप सफेद संगमरमर पर हजारों चूहों को इधर उधर आते जाते देख सकतें हैं | यहाँ लोगो का मन्ना है की इन चूहों में उनके पूर्वजो का वास है| श्रद्धालु इस बात का पुरा ख्याल रखतें है की चूहों को कोई नुकशान पहुंचे | यहाँ रोज इनको चढावा चढाया जाता है|

दुर्रिओधन की पूजा

महाभारत में कौरवों के बड़े भाई दुर्रिओधन को बुराई का प्रतिक माना जाता है | परन्तु उत्तरकाशी उत्तर प्रदेश तथा जम्मू कश्मीर के पश्चामी भाग में दुर्रिओधन की पूजा की जाती है |

नाग के लिए छज्जा

महाराष्ट्र के शोलापुर जिला के शेत्पल गाँव के हर घर में नागों के आराम के लिए छज्जा बनाया जाता है | यहाँ एक मन्दिर है जिसमे सात सिरों वाले ताम्बे का नाग भगवन शिव की मूर्ति पर है| अचरज की बात है की इस गाँव में घरों में रोज सांप घूमता है पर अभी तक किसी को सांप ने नही काटा है |
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