सोमवार, 11 मई 2009

१०७ वर्षीय कुंवारी महिला को वर चाहिए


१०७ वर्षीय वांग गुइयिंग नामक चीनी महिला को पति की तलाश है | वांग गुइयिंग का जन्म एक नमक व्यापारी के यहाँ दक्षिण गिज्होऊ प्रोविंस में हुआ था | इन्होने अपने चाचा पिता को अपनी पत्नियो को मरते पिटते देखा था इस कारन इन्हे विवाह से डर लगने लगा और इन्होने शादी नही की |

अपने माता पिता और बड़ी बहन के मरने के बाद भी यह शादी से बचाती रही और दूरदराज में खेती बारी का काम ७४ वर्ष की अवस्था तक करती रही |

पर अब वांग गुइयिंग ने फैसला किया है की वह पुराणी बातो को भुला कर नई जिन्दगी की शुरुआत करेंगी इस के लिए इन्होने प्रेस से बात की है जो जीवन साथी ढूढने में इनकी मदद करेगा |

ये अपने को अपने भतीजों पर बोझ महसूस कर रही है | इनका कहना है की अब मेरे भतीजे भतीजियाँ बुढे हो गए है और उनके बच्चे बड़े हो गए है और मै उन पर और बोझ बनती जा रही हूँ |


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शनिवार, 9 मई 2009

मानविए संवेदनाओ वाला रोबोट शिक्षक

जापान के माध्यमिक विद्यालय में विश्व का पहला रोबोट शिक्षक ने पढ़ना शुरू कर दिया है | साया नाम के इस रोबोट के बारे में विद्यार्थियों का कहना है की उन्हें विश्वाश ही नही हो रहा है की उन्हें कोई रोबोट पढ़ा रहा है |

पहले रोबोट ने बच्चों का नाम पुकारा और बाद में उन्हें अपनी किताबें निकलने को कहा |
टोकियो विज्ञानं विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर हिरोशी कोबायाशी जीहेन यह रोबोट विकशित करने में १५ वर्ष लगे ने कहा बच्चे साया रोबोट से बिल्कुल नही घबराए |

उन्हें बिल्कुल ऐसा नही लगा की उनके सामने कोई यांत्रिक मानव है | बल्कि एक मानव ही उन्हें पढ़ा रहा है |
रोबोट किसी भी भाषा में बात कर सकता है | वह अपना सर घुमा सकता है तथा प्रश्नों का जवाब भी दे सकता है | इस अभी ७०० सब्धों तथा ३०० मुहावरे पता है |

प्रत्येक रोबोट शिक्षक की कीमत £25,००० है जो कीमत कूचा वर्षो में निकल आयेगी |
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रविवार, 3 मई 2009

महिला ने ६० साल गर्भ धारण के पश्चात् पत्थर भ्रूण को जन्म दिया


९२ साल की चीनी महिला ह्वांग यिजुन ने एक बच्चे को जन्म दिया जो लिथोपेदिओं के रूप में जाना जाता है |
ह्वांग यिजुन ने बताया की उसके पास पैसे नही थे जब डॉक्टर ने १९४८ में बताया की उसका बच्चा गर्भ में ही मर गया है |इसलिए उसने मृत भ्रूण को नही निकलवाया |

लिथोपेदिओं चिकित्सा के क्षेत्र में होने वाली एक विरल घटना है जिसमे गर्भाधान असफल हो जाता है पर भ्रूण माँ के शरीर में ही रहता है| यह धीरे -धीरे पत्थर का रूप लेने लगता है जिससे महिला के शरीर में कोई संक्रमण ना हो पाए |
आप विश्वास करें या ना करें पर यदि कोई समस्या नही हो तो महिला इस अवस्था में अपना पूरा जीवन बिता सकती है.

चिकित्सा इतिहास में अबतक २९० ही एसे मामले दर्ज है|
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