Freedom to express view, amazing fact of society, thoughts that you want to express
गुरुवार, 2 अक्तूबर 2008
वो थे गांधी
यह कविता गांधी जी को समर्पित है | आज इस तनाव के माहौल में गांधी जी कितने सार्थक है यह कहने की जरुरत नही है | यदि आप कुछ कहना चाहतें है तो अवश्य कहें| क्योंकि बीना कहे किसीका हल नही निकल सकता है |
1 टिप्पणी:
too good
एक टिप्पणी भेजें