एक महिला ने ९५ वर्ष ध्रुम्रपान करने के बाद अंततः ध्रुम्रपान छोड़ दिया | विन्नी लांगली नाम की इस महिला का कहना है की वह ध्रुम्र्पान इसलिए छोड़ रही है क्योंकि इसमे अब उसकी रूचि नही रही | इनके अनुसार ये कैंसर से इसलिए बची रही क्योंकि इन्होने कभी सिगरेट के धुँए को पिया नही |
विन्नी जो दक्षिणी लन्दन के क्रोयडों में रहती है का कहना है की वही सिगरेट पीने से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के विषय में नही जानती है वही तो केवल इसलिए छोड़ रही हैं की इससे उनका अब कोई लगाव नही रहा | इन्होने पहली बार कश सन् १९१४ में लगाया था | मेरी आँखों की रोशनी इन कुछ सालों में कमजोर हो गई है और मै सिगरेट पैक को ठीक से देख नही पाती हूँ |
विन्नी औसतन ५ सिगरेट प्रतिदिन पीतीं थीं अभी तक इन्होने कुल १७०००० से ज्यादा सिगरेट पि चुकीं हैं |
इनके डॉक्टर के अनुसार अब इनके सिगरेट छोड़ने का कोई कारण नही बचा | यदि ये १०२ वर्ष तक बिना कैंसर सिगरेट पी सकतीं हैं तो अब इसकी कोई सम्भावना नही है |link
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