दूरदर्शिता के अभाव में भारत गुलाम बना था | और इसका दंश दो सौ वर्षों तक झेला इतना ही नही आज भी उस गुलामी का प्रभाव देखा जा सकता है |
आजादी में साँस लेते हुए हमें अभी ज्यादा वक्त नही गुजरा है | पर शायद हमने इतिहास से कुछ नही सीखा है या कहें हम कुछ सीखना ही नही चाहते हैं | दूसरे शब्दों में हमारी मानसिकता एक कबूतर जैसी है जो यह सोच कर अपनी आँखे बंद कर लेता है की बिल्ली उसे नही देख रही है और वह सुरक्षित है | और बिल्ली उसका कब शिकार कर लेती है उसे पता भी नही चलता है |
आ बैल मुझे मार कहावत भारतवासियों पर बिल्कुल सटीक बैठती है | हम घाव के नाशूर बनने का इंतजार करते है जबकि जब चोट लगे उसका इलाज तभी करना चाहिए कभी भी हलके नही लेना चाहिए |
आज क्षेत्रवाद तेजी से फैलता हुआ नासूर है जिसको यदि जल्दी ठीक नही किया गया तो इसका परिणाम बहुत बुरा होगा या शायद भारत शब्द ही विलुप्त हो जाए क्योंकि दरख्त कितना भी मजबूत क्यों ना हो यदि उसमे दीमक लग जाए तो फिर उसे नष्ट होने से कोई नही बचा सकता है |
आज महाराष्ट्र में जो हो रहा है वह निश्चय ही लोकतंत्र पर एक बदनुमा दाग है और भारत के संविधान को दी गई चुनौती है जो नागरिको के एक सामान अधिकार की बात करता है पर लगता है एक व्यक्ति के सामने पुरा भारत शक्तिविहीन दिख रहा है | जय जड़ हो गया हो और कुछ भी कर पाने में असमर्थ हो |
क्या देश के विरूद्व युद्घ तभी माना जाता है जब कोई बन्दूक लेकर संसद पर हमला करे | क्या महाराष्ट्र में जो हुआ और जो हो रहा है वो देश के विरूद्व युद्घ की घोषणा नही है क्या ये घटनाये हमारे संविधान को चुनौती नही दे रही है | क्या ये घटनाये ये नही कह रही है की लो तुम मेरा क्या उखाड़ लोगे दम है तो आजमा लो |
क्या देश का कानून किसी को देश का मखौल उडाने की इजाजत देता है अगर इसका जवाब इन घटनाओ को मद्देनजर रख कर दे तो जवाब हाँ में होगा |
ये हाल तब है जब उस व्यक्ति को अधिकारिक रूप से कोई प्रशासनिक अधिकार प्राप्त नही है जिस दिन उस दल के हाथो में सत्ता आ जायेगी तब क्या होगा | इसका जवाब कोई भी दे सकता है |
ऐसा लगता है की जैसे उस दल ने प्रशासन को अपनी रखैल बना छोड़ा है जो कुछ भी कर सकता है शायद यह सच भी है |
यह आग महाराष्ट्र से मध्य प्रदेश तक फ़ैल चुकी है जहाँ एक मुख्यमंत्री क्षेत्रवाद की बात करता है जो निश्चय ही डूब मरने वाली बात है |
भाषा, जाती, क्षेत्र के नाम पर राजनीती करने वालों को यदि नही रोका गया तो यह भारत को बर्बाद कर देगा और इस बर्बादी को कोई नही रोक सकता है |
क्या आजादी के लिए जान गवाने वालों ने इसी भारत की कल्पना की थी | क्या हम बर्बाद भारत को देखना चाहते है जो कई टुकरों में बँटा है पर उसका नाम भारत या हिंदुस्तान नही है बस एक क्षेत्र है जहाँ लोग अपनी करनी पर रो रहे हैं और उस दिन को कोस रहे है जिस दिन क्षेत्रवाद ने पनपना शुरू किया था और वे नींद में सोये थे |
यदि नही तो पुरे भारत को इन क्षेत्रवादियों के विरूद्व खड़ा होना होगा इनका सामूहिक बहिष्कार करना होगा | याद रखें यदि आज कुछ लोगो को क्षेत्रवाद का फ़ायदा हो रहा है तो ऐसा हमेसा नही होगा यह छणिक फ़ायदा है पर नुकशान कही ज्यादा | इसलिए ऐसे लोगो को मूल राजनीती से अलग थलग करना बहुत ही जरूरी है |
आज फिर से एक असहयोग आन्दोलन की जरूरत है उन लोगो के खिलाफ जो इसको बढ़ावा देते है |
क्या सभी तैयार है इस आन्दोलन के लिए यदि हाँ तो आज से ही शुरू कर देना चाहिए और यदि नही तैयार है तो देर सवेर इस आन्दोलन में कूदना ही पड़ेगा यदि अपना भविष्य एक सुखमय भारत में देखना चाहते है | एक आजाद भारत में |
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सोमवार, 16 नवंबर 2009
मंगलवार, 3 नवंबर 2009
सोमवार, 2 नवंबर 2009
ख़राब ड्राइविंग के लिए जीन जिम्मेदार
यदि आप किसी को ख़राब ड्राइविंग करते देखतें है तो इसमे बेचारे उस व्यक्ति का दोष नही है बल्कि इसके लिए उसका जीन जिमेदार है |
एक रिसर्च में यह पाया गया है की एक विशेष प्रकार के जीन के व्यक्ति २०% ख़राब ड्राइविंग करतें है उनके मुकाबले जिनके जीन अलग है |
अमेरिका में एक अध्यन किया गया की लोग ख़राब ड्राइविंग क्यों करतें है | अमेरिका में लगभग ३०% लोग में संस्करण जीन हैं
ये लोग ज्यादा गलती करतें है | ये समय गुजरने के साथ ही ये भूल जातें है की उन्होंने क्या सीखा था |
डॉ स्तेवें क्रेमर जो इस अध्यन के अगुवा हैं ने ये बात कही है |
क्रेमर और इनके साथियों ने २९ लोगों पर यह प्रयोग किया इनमे से २२ अलग प्रकार के जीन के थे और बाकि अलग|
जब इन को के विशेष प्रकार से ड्राइविंग करने के लिए कहा गया और इसको एक सप्ताह बाद फिर दोहराने के लिए कहा गया तो यह देख कर हैरान रह गए की उत्परिवर्ती जीन के लोगो ने ज्यादा गलती की|
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एक रिसर्च में यह पाया गया है की एक विशेष प्रकार के जीन के व्यक्ति २०% ख़राब ड्राइविंग करतें है उनके मुकाबले जिनके जीन अलग है |
अमेरिका में एक अध्यन किया गया की लोग ख़राब ड्राइविंग क्यों करतें है | अमेरिका में लगभग ३०% लोग में संस्करण जीन हैं
ये लोग ज्यादा गलती करतें है | ये समय गुजरने के साथ ही ये भूल जातें है की उन्होंने क्या सीखा था |
डॉ स्तेवें क्रेमर जो इस अध्यन के अगुवा हैं ने ये बात कही है |
क्रेमर और इनके साथियों ने २९ लोगों पर यह प्रयोग किया इनमे से २२ अलग प्रकार के जीन के थे और बाकि अलग|
जब इन को के विशेष प्रकार से ड्राइविंग करने के लिए कहा गया और इसको एक सप्ताह बाद फिर दोहराने के लिए कहा गया तो यह देख कर हैरान रह गए की उत्परिवर्ती जीन के लोगो ने ज्यादा गलती की|
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मंगलवार, 6 अक्टूबर 2009
शाइनी आहूजा का शाइन(चमक)
भाई ! लोगो को तो अच्छे काम करके भी इतनी ख्याति नही मिलती है जितनी शाइनी आहूजा को बलात्कार के आरोप के बात मिली है | वाह क्या बात है एक नई कहावत बनने जा रही है बुरे का बोलबाला और अच्छे का मुंह काला |
इस तरह के कृत्य के लिए जहाँ भर्त्सना होनी चाहिए वही वह कहाँ गया क्या खा रहा है क्या पी रहा है यहाँ तक की वह सुबह बाथरूम में क्या करता है उसकी भी ख़बर मिल जाए तो वह भी कम है वो भी फोटो के साथ |
इस तरह की बातों से उसका कोई नुकसान नही होने वाला है बल्कि इससे उसकी मार्केट वैल्यू बढेगी और हो सकता है की कोई और शाइनी आहूजा कल हमारे सामने खड़ा हो |
यह एक सोचनिये विषय है की जहाँ हम महिलाओ की सुरक्षा की बात करते है वहां क्या इस तरह की बातें महिलाओं में असुरक्षा की भावना नही पैदा करती हैं |
क्या हम वास्तव में ऐसे कार्यों को सामाजिक बुराई मानते है यदि ऐसा होता तो मीडिया शाइनी को लेकर इसतरह कसीदें नही पढता |
इसतरह का प्रचार इस बुराई को दूर नही बल्कि इससे और भयानक बना देगा |
पर मीडिया की भी मज़बूरी है क्योंकि जो बिकता है वही दिखता बांकी सब जाए भाड़ में |
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इस तरह के कृत्य के लिए जहाँ भर्त्सना होनी चाहिए वही वह कहाँ गया क्या खा रहा है क्या पी रहा है यहाँ तक की वह सुबह बाथरूम में क्या करता है उसकी भी ख़बर मिल जाए तो वह भी कम है वो भी फोटो के साथ |
इस तरह की बातों से उसका कोई नुकसान नही होने वाला है बल्कि इससे उसकी मार्केट वैल्यू बढेगी और हो सकता है की कोई और शाइनी आहूजा कल हमारे सामने खड़ा हो |
यह एक सोचनिये विषय है की जहाँ हम महिलाओ की सुरक्षा की बात करते है वहां क्या इस तरह की बातें महिलाओं में असुरक्षा की भावना नही पैदा करती हैं |
क्या हम वास्तव में ऐसे कार्यों को सामाजिक बुराई मानते है यदि ऐसा होता तो मीडिया शाइनी को लेकर इसतरह कसीदें नही पढता |
इसतरह का प्रचार इस बुराई को दूर नही बल्कि इससे और भयानक बना देगा |
पर मीडिया की भी मज़बूरी है क्योंकि जो बिकता है वही दिखता बांकी सब जाए भाड़ में |
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रविवार, 4 अक्टूबर 2009
दलित स्नेह
जबसे राहुल गाँधी ने उत्तर प्रदेश के एक गाँव में दलित के घर रात क्या गुजारी | कांग्रेसियों में दलित स्नेह उमर पड़ा है |
और हर कोई यह जाताना चाहता है की वह कितना दलित प्रेमी है और इस को प्रमाणित करने के लिए बाकायदा मिडिया में अपनी फोटो भी छपवा रहा है |
क्या गरीबों और दलितों के लिए यह वास्तविक प्रेम है या एक राजनैतिक दिखावा | क्योंकि यदि यहाँ पर वास्तव में उन लोगो की सुध लेने की बात होती तो शायद हर कोई अपने इस प्रेम का ढिंढोरा नही पिटता|
किसी व्यक्ति का अनुशरण करना एक बात है और नक़ल करना दूसरी बात | और यहाँ अनुशरण नही नक़ल हो रहा है | यह स्वयं को बस बडा दिखाने की बात है |
यदि आप किसी के लिए कुछ करना चाहते है तो यह आपको बताने की जरूरत नही है बल्कि कर दिखने की जरूरत है |
राहुल गाँधी निश्चय ही एक ऐसे व्यक्ति है जो कुछ कर दिखाना चाहते है ना की यह जताना की वह कुछ करना चाहते है |
आजादी से पहले हमारे देश में नेता किसी पार्टी विशेष के नही थे बल्कि देश के थे | और होना भी यही चाहिए |
राहुल गाँधी में भी एक ऐसे ही नेता की छवि झलक रही है जो किसी पार्टी विशेष का न होकर पूरे देश का होगा | और यदि करना है तो इनका अनुशरण करें न की नक़ल |
चुनाव के समय आने वाला दलित/गरीब मोह नेताओं के लिए बड़ा ही मोहिनी बाण है जो हर नेता इसे ब्रम्हास्त्र की तरह इस्तेमाल करता है | और यह सीधे निशाने पर लगता है |
इस बाण ने कई नेताओं को अरबपति बना दिया और जो इस बाण का सही इस्तेमाल करना नही जानते है वह इस राजनीती में कही नही टिकते है वास्तव में वे इस राजनीती पर बोझ हैं |
राजनीती के कुछ ऐसे गडरिये हैं जो हमेशा चुनाव के समय चिल्लातें है भेडिया आया भेडिया आया और आम जनता हर बार उनकी मदद(वोट) करने पहुच जाती है पर पता चलता है की वो भेडिया उस नेता के पास(जनता के सर्वांगी विकास ) उन्हें डराने अब पॉँच साल तक नही आने वाला है |
वास्तव में राजनेताओं का यही दलित प्रेम है |
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और हर कोई यह जाताना चाहता है की वह कितना दलित प्रेमी है और इस को प्रमाणित करने के लिए बाकायदा मिडिया में अपनी फोटो भी छपवा रहा है |
क्या गरीबों और दलितों के लिए यह वास्तविक प्रेम है या एक राजनैतिक दिखावा | क्योंकि यदि यहाँ पर वास्तव में उन लोगो की सुध लेने की बात होती तो शायद हर कोई अपने इस प्रेम का ढिंढोरा नही पिटता|
किसी व्यक्ति का अनुशरण करना एक बात है और नक़ल करना दूसरी बात | और यहाँ अनुशरण नही नक़ल हो रहा है | यह स्वयं को बस बडा दिखाने की बात है |
यदि आप किसी के लिए कुछ करना चाहते है तो यह आपको बताने की जरूरत नही है बल्कि कर दिखने की जरूरत है |
राहुल गाँधी निश्चय ही एक ऐसे व्यक्ति है जो कुछ कर दिखाना चाहते है ना की यह जताना की वह कुछ करना चाहते है |
आजादी से पहले हमारे देश में नेता किसी पार्टी विशेष के नही थे बल्कि देश के थे | और होना भी यही चाहिए |
राहुल गाँधी में भी एक ऐसे ही नेता की छवि झलक रही है जो किसी पार्टी विशेष का न होकर पूरे देश का होगा | और यदि करना है तो इनका अनुशरण करें न की नक़ल |
चुनाव के समय आने वाला दलित/गरीब मोह नेताओं के लिए बड़ा ही मोहिनी बाण है जो हर नेता इसे ब्रम्हास्त्र की तरह इस्तेमाल करता है | और यह सीधे निशाने पर लगता है |
इस बाण ने कई नेताओं को अरबपति बना दिया और जो इस बाण का सही इस्तेमाल करना नही जानते है वह इस राजनीती में कही नही टिकते है वास्तव में वे इस राजनीती पर बोझ हैं |
राजनीती के कुछ ऐसे गडरिये हैं जो हमेशा चुनाव के समय चिल्लातें है भेडिया आया भेडिया आया और आम जनता हर बार उनकी मदद(वोट) करने पहुच जाती है पर पता चलता है की वो भेडिया उस नेता के पास(जनता के सर्वांगी विकास ) उन्हें डराने अब पॉँच साल तक नही आने वाला है |
वास्तव में राजनेताओं का यही दलित प्रेम है |
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मंगलवार, 29 सितंबर 2009
एक व्यक्ति ने एक साथ चार शादियाँ की
जहाँ एक शादी के लिए भी लोगों को इंतज़ार करना पडता है वहीं अगर एक साथ चार चार युवतियों से एक ही साथ शादी करने का मौका मिले तो कैसा रहेगा |
दक्षिण अफ्रीका के एक व्यक्ति ने एक साथ चार महिलाओं से शादी की |
वीनें में मिल्टन म्भेले नाम के इस आदमी ने यह शादी रचाई | चारों महिलाओं ने सफ़ेद पोशाक पहन राखी थीं और चारों को अपने दुल्हे की तरफ़ से एक एक अंगूठी और चुम्बन मिला| इस विवाह में लगभग सौ लोग शरीक हुए |
दक्षिण अफ्रीका में बहु विवाह मान्य है और यह कई जनजातियों में प्रचलित है जैसे जुलूस और स्वजिस में | पर एक साथ विवाह बहुत ही विरल है |
४४ वर्षीय म्भेले इंडिका में मुनिसिपल मेनेजर हैं, कहते है एक साथ विवाह से धन की बचत हुई |
थोबिले विलाकजी से १२ वर्ष पहले ही यह शादी कर चुके हैं और इनकी ११ संताने हैं |
मैं चाहता हूँ की थोबिले विलाकजी खुश रहे और इससे साथ दुबारा विवाह करने पर संभवतः वह खुशी उसे मिले यद्यपि मैंने तीन अन्य महिलाओं के साथ शादी की है |
इनकी पत्नियों में ज़नेले लंगा और हप्पिनेस म्द्लोलो दोनों ही २४ वर्ष की हैं
इनकी सबसे छोटी पत्नी स्मंगेले केले जो २३ वर्ष की हैं के अनुसार मैं म्भेले से शादी करके आशान्वित हूँ यद्यपि अपने पति को औरों के साथ बाँटना पड़ेगा | हम सब अलग अलग रहेंगी और बारी बारी से अपने पति का साथ पाएँगी |link
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दक्षिण अफ्रीका के एक व्यक्ति ने एक साथ चार महिलाओं से शादी की |
वीनें में मिल्टन म्भेले नाम के इस आदमी ने यह शादी रचाई | चारों महिलाओं ने सफ़ेद पोशाक पहन राखी थीं और चारों को अपने दुल्हे की तरफ़ से एक एक अंगूठी और चुम्बन मिला| इस विवाह में लगभग सौ लोग शरीक हुए |
दक्षिण अफ्रीका में बहु विवाह मान्य है और यह कई जनजातियों में प्रचलित है जैसे जुलूस और स्वजिस में | पर एक साथ विवाह बहुत ही विरल है |
४४ वर्षीय म्भेले इंडिका में मुनिसिपल मेनेजर हैं, कहते है एक साथ विवाह से धन की बचत हुई |
थोबिले विलाकजी से १२ वर्ष पहले ही यह शादी कर चुके हैं और इनकी ११ संताने हैं |
मैं चाहता हूँ की थोबिले विलाकजी खुश रहे और इससे साथ दुबारा विवाह करने पर संभवतः वह खुशी उसे मिले यद्यपि मैंने तीन अन्य महिलाओं के साथ शादी की है |
इनकी पत्नियों में ज़नेले लंगा और हप्पिनेस म्द्लोलो दोनों ही २४ वर्ष की हैं
इनकी सबसे छोटी पत्नी स्मंगेले केले जो २३ वर्ष की हैं के अनुसार मैं म्भेले से शादी करके आशान्वित हूँ यद्यपि अपने पति को औरों के साथ बाँटना पड़ेगा | हम सब अलग अलग रहेंगी और बारी बारी से अपने पति का साथ पाएँगी |link
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कागजों से बना विवाह पोशाक
सभी ने विवाह के लिए तरह तरह के पोशाक पहने होंगे | पर कोई वधू यदि कागजों से बना विवाह पोशाक पहने तो कैसा लगेगा |
जी हाँ चीन की एक महिला ने अपने विवाह के अवसर पर ऐसा ही पोशाक पहना जो पूरी तरह से कागजों से बना था |
शा शा के विवाह की पोशाक उसकी मित्र ज्हू ज्हू द्वारा तैयार किया गया जो पूरी तरह से कागजों का बना था |
दोनों ही युन्नान प्रोविंस के कुनमिंग शहर की एक विज्ञापन कम्पनी में पिछले १२ वर्षों से काम कर रही हैं |
ज्हू ज्हू के अनुसार जब शा शा ने अपने लिए अपना जीवन साथी ढूंढा तो मैंने सोचा की मै अपनी मित्र के लिए कुछ विशेष करुँगी |
विवाह ड्रेस डिजाइनर होने के नाते मैं के ही तरह की पोशाक बनाते बनाते थक चुकी थी इसलिए मैंने यह पोशाक पूरी तरह से कागजों का बनाया | इस पोशाक को बनने में मुझे लगभग २ महीने से जयादा का समय लगा |
यह पोशाक बहुत ही आरामदायक है और काफी सुंदर भी इसे पहन कर मुझे बहुत अच्छा लगा |
शा शा के दुल्हे मियां ली के अनुसार इस पोशाक में शा शा बहुत सुंदर लग रही थी हम दोनों इस पोशाक से बहुत खुश है पर मै उसे छुते हुए डरता हूँ की कहीं मै उसे फार न दूँ |link
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जी हाँ चीन की एक महिला ने अपने विवाह के अवसर पर ऐसा ही पोशाक पहना जो पूरी तरह से कागजों से बना था |
शा शा के विवाह की पोशाक उसकी मित्र ज्हू ज्हू द्वारा तैयार किया गया जो पूरी तरह से कागजों का बना था |
दोनों ही युन्नान प्रोविंस के कुनमिंग शहर की एक विज्ञापन कम्पनी में पिछले १२ वर्षों से काम कर रही हैं |
ज्हू ज्हू के अनुसार जब शा शा ने अपने लिए अपना जीवन साथी ढूंढा तो मैंने सोचा की मै अपनी मित्र के लिए कुछ विशेष करुँगी |
विवाह ड्रेस डिजाइनर होने के नाते मैं के ही तरह की पोशाक बनाते बनाते थक चुकी थी इसलिए मैंने यह पोशाक पूरी तरह से कागजों का बनाया | इस पोशाक को बनने में मुझे लगभग २ महीने से जयादा का समय लगा |
यह पोशाक बहुत ही आरामदायक है और काफी सुंदर भी इसे पहन कर मुझे बहुत अच्छा लगा |
शा शा के दुल्हे मियां ली के अनुसार इस पोशाक में शा शा बहुत सुंदर लग रही थी हम दोनों इस पोशाक से बहुत खुश है पर मै उसे छुते हुए डरता हूँ की कहीं मै उसे फार न दूँ |link
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सोमवार, 28 सितंबर 2009
दोस्त की जान बचाने के लिए ख़ुद को बेचने को तैयार
दान दान नाम की २२ वर्षीय एक चीनी विद्यार्थी जो शांदोंग प्रोविंस के देज्होऊ विश्वविद्यालय में पढ़ती है ने अपनी सहपाठी की जान बचाने के लिए ख़ुद को बेचने को तैयार है |
दान दान के अनुसार वह उस व्यक्ति से शादी करेगी जो उसे £15००० के बराबर रुपया देगा जिससे वह अपनी सहपाठी का ईलाज करा सके |
उसकी सहपाठी ज्हंग युएमी को एन्सफलोम्येलिटिस नाम की बीमारी है जो मस्तिष्क से सम्बंधित है | इसका परिवार एक गरीब किसान है जो इस बीमारी के ईलाज का भारी खर्च नही उठा सकता है |
दान दान के अनुसार वह उस आदमी से शादी करने को तैयार है जो £15००० के बराबर रकम दान कर सके | जिससे उसकी सहपाठी का ईलाज हो सके |
पर आलोचकों का कहना है की दान दान एक धनि व्यक्ति से शादी करने के लिए अपनी दोस्त का इस्तेमाल कर रही है | पर जिनान कीलू हॉस्पिटल के मुख्य शैल्य चिकित्सक दान दान का समर्थन कर रहे हैं |link
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दान दान के अनुसार वह उस व्यक्ति से शादी करेगी जो उसे £15००० के बराबर रुपया देगा जिससे वह अपनी सहपाठी का ईलाज करा सके |
उसकी सहपाठी ज्हंग युएमी को एन्सफलोम्येलिटिस नाम की बीमारी है जो मस्तिष्क से सम्बंधित है | इसका परिवार एक गरीब किसान है जो इस बीमारी के ईलाज का भारी खर्च नही उठा सकता है |
दान दान के अनुसार वह उस आदमी से शादी करने को तैयार है जो £15००० के बराबर रकम दान कर सके | जिससे उसकी सहपाठी का ईलाज हो सके |
पर आलोचकों का कहना है की दान दान एक धनि व्यक्ति से शादी करने के लिए अपनी दोस्त का इस्तेमाल कर रही है | पर जिनान कीलू हॉस्पिटल के मुख्य शैल्य चिकित्सक दान दान का समर्थन कर रहे हैं |link
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शुक्रवार, 25 सितंबर 2009
सबसे वजनी नवजात शिशु
इंडोनेशिया के अस्पताल में सबसे वजनी बालक का जन्म हुआ जिसका नाम अकबर है |
अकबर रिसुद्दीन का जन्म ४० मिनट के ऑपरेशन के बाद हुआ | यह ऑपरेशन बच्चे के वजन और आकर को लेकर कठिन था |
इस बच्चे का वजन ८.७ किलोग्राम है |
बच्चे के पिता मुहम्मद हसनुद्दीन ने कहा की मैं बहुत खुश हूँ की माँ और बच्चा दोनों स्वश्थ्य हैं | और मैं सोचता हूँ की बच्चे की आवश्यकता को मैं पूरा कर पाउँगा क्योंकि इससे अन्य बच्चों की अपेक्षा अधिक दूध की आवश्यकता होगी |
डॉ सितान्ग्गंग के अनुसार बच्चे का इतना वजन गर्भ के दौरान माँ का अधिक ग्लूकोज लेना है |
यह बालक हसनुद्दीन और माँ अनी की तीसरी संतान है | इनके अन्य दोनों बच्चों का वजन जन्म के समय क्रमशः
५.३ और ४.५ किलोग्राम था |
पहले यह रिकॉर्ड जिस इन्दोनेसियाई बच्चे के नाम है उसका जन्म जकार्ता में २००७ में हुआ था तथा उसका वजन ६.७ किलोग्राम था |
गिनीज बुक में दर्ज सबसे वजनी बच्चा १८७९ में अमेरिका में हुआ था जिसका वजन १०.४ किलोग्राम था और जो जन्म के ११ घंटे बाद मर गया था |link
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अकबर रिसुद्दीन का जन्म ४० मिनट के ऑपरेशन के बाद हुआ | यह ऑपरेशन बच्चे के वजन और आकर को लेकर कठिन था |
इस बच्चे का वजन ८.७ किलोग्राम है |
बच्चे के पिता मुहम्मद हसनुद्दीन ने कहा की मैं बहुत खुश हूँ की माँ और बच्चा दोनों स्वश्थ्य हैं | और मैं सोचता हूँ की बच्चे की आवश्यकता को मैं पूरा कर पाउँगा क्योंकि इससे अन्य बच्चों की अपेक्षा अधिक दूध की आवश्यकता होगी |
डॉ सितान्ग्गंग के अनुसार बच्चे का इतना वजन गर्भ के दौरान माँ का अधिक ग्लूकोज लेना है |
यह बालक हसनुद्दीन और माँ अनी की तीसरी संतान है | इनके अन्य दोनों बच्चों का वजन जन्म के समय क्रमशः
५.३ और ४.५ किलोग्राम था |
पहले यह रिकॉर्ड जिस इन्दोनेसियाई बच्चे के नाम है उसका जन्म जकार्ता में २००७ में हुआ था तथा उसका वजन ६.७ किलोग्राम था |
गिनीज बुक में दर्ज सबसे वजनी बच्चा १८७९ में अमेरिका में हुआ था जिसका वजन १०.४ किलोग्राम था और जो जन्म के ११ घंटे बाद मर गया था |link
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गुरुवार, 17 सितंबर 2009
मितव्यता अच्छी बात है पर ...
यह एक अच्छी शुरुआत है की हमारे राजनितज्ञ फिजूलखर्ची पर अंकुश लगाने का प्रयास कर रहे हैं | पर यह प्रयास तभी सफल होगा जब जहाँ इस अंकुश से कोई खतरा न हो वहां किया जाए|
हाल ही में सोनिया गाँधी जी ने इकोनोमी क्लास में हवाई सफर किया यह सराहनिए बात है निश्चय ही यहाँ जहाँ सरकारी धन का फिजूलखर्च कम होगा तथा यह सुरक्षा की दृष्टी से भी सुरक्षित है |
पर मितव्यता उतनी ही होनी चाहिए जहाँ हमें इसकी कोई भारी कीमत ना चुकानी पड़े |
हवाई सफर और रेल सफर में काफी अन्तर है | व्यतिगत सुरक्षा की दृष्टी से रेल सफर मितव्य होने की बजाय अधिक खर्चीला है क्योंकि रेल तक गैर-सामाजिक तत्वों की पहुँच बहुत आसन है यह हाल की घटना से भी स्पष्ट हो गया है जब राहुल गाँधी जिस डिब्बे में सफर कर रहे थे उस पर पत्थर फेंके गए | यह निश्चय ही शर्मनाक घटना है |
हमारे कुछ राजनितज्ञ ऐसे भी है जो सरकारी धन को अपनी बपौटी समझते हैं| जहाँ वह सरकारी आवास में रहने की बजाय फाइव स्टार होटलों में रहना पसंद करतें है | यह इस देश के लिए दुर्भाग्य ही है की जहाँ जनता महंगाई और बेरोजगारी से त्रस्त है वही एक व्यक्ति पर केवल रहने के लिए लाखों रूपये प्रतिदिन सरकारी खाते से खर्च कर दिए जाते है | यहाँ निश्चये ही अंकुश लगाने की जरूरत है |
अपने निजी काम के लिए सरकारी सुविधाओं का दुरूपयोग आज आम बात हो गई है | इसमे कुछ का आगे बढ़ कर मितव्यता का उदाहरण बनना एक सुखद अनुभूति है की हम गाँधी और शास्त्री जी देश के अंग हैं और अभी भी कहीं न कही वो हमारे मन में बसे हैं | पर यह सुरक्षित मितव्यता होनी चाहिए | और इसके लिए हमारे राजनीतिज्ञों को बढ़कर आगे आना चाहिए जो सच्चे लोकतंत्र के वाहक और उदहारण बने |
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हाल ही में सोनिया गाँधी जी ने इकोनोमी क्लास में हवाई सफर किया यह सराहनिए बात है निश्चय ही यहाँ जहाँ सरकारी धन का फिजूलखर्च कम होगा तथा यह सुरक्षा की दृष्टी से भी सुरक्षित है |
पर मितव्यता उतनी ही होनी चाहिए जहाँ हमें इसकी कोई भारी कीमत ना चुकानी पड़े |
हवाई सफर और रेल सफर में काफी अन्तर है | व्यतिगत सुरक्षा की दृष्टी से रेल सफर मितव्य होने की बजाय अधिक खर्चीला है क्योंकि रेल तक गैर-सामाजिक तत्वों की पहुँच बहुत आसन है यह हाल की घटना से भी स्पष्ट हो गया है जब राहुल गाँधी जिस डिब्बे में सफर कर रहे थे उस पर पत्थर फेंके गए | यह निश्चय ही शर्मनाक घटना है |
हमारे कुछ राजनितज्ञ ऐसे भी है जो सरकारी धन को अपनी बपौटी समझते हैं| जहाँ वह सरकारी आवास में रहने की बजाय फाइव स्टार होटलों में रहना पसंद करतें है | यह इस देश के लिए दुर्भाग्य ही है की जहाँ जनता महंगाई और बेरोजगारी से त्रस्त है वही एक व्यक्ति पर केवल रहने के लिए लाखों रूपये प्रतिदिन सरकारी खाते से खर्च कर दिए जाते है | यहाँ निश्चये ही अंकुश लगाने की जरूरत है |
अपने निजी काम के लिए सरकारी सुविधाओं का दुरूपयोग आज आम बात हो गई है | इसमे कुछ का आगे बढ़ कर मितव्यता का उदाहरण बनना एक सुखद अनुभूति है की हम गाँधी और शास्त्री जी देश के अंग हैं और अभी भी कहीं न कही वो हमारे मन में बसे हैं | पर यह सुरक्षित मितव्यता होनी चाहिए | और इसके लिए हमारे राजनीतिज्ञों को बढ़कर आगे आना चाहिए जो सच्चे लोकतंत्र के वाहक और उदहारण बने |
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बुधवार, 16 सितंबर 2009
१०७ वर्ष की महिला को २३ वें पति की तलाश
मलेशिया की १०७ वर्षीय महिला को २३ वें पति की तलाश है | उसे डर है की उसका २२ वां पति उसे छोड़ देगा |
इस डर के कारण और अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए २३ वीं शादी करने का मन बना रही है |
वोक कुन्दोर नाम की इस महिला ने २००५ में अपने से ७० साल कम उम्र के व्यक्ति मोहम्मद नूर चे मूसा से शादी की थी | मूसा इनके २२ वें पति हैं
पर जब से इनके पति कुवालालंपुर के नशा मुक्ति पुनर्वास केन्द्र में भर्ती हुए है इन्हे यह डर सता रहा है की कही वहां से आने के बाद उन्हें छोड़ कर इनके पति किसी युवा महिला से शादी कर लेंगे |
इसी कारण अब ये २३ वें पति की तलाश कर रही हैं |
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इस डर के कारण और अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए २३ वीं शादी करने का मन बना रही है |
वोक कुन्दोर नाम की इस महिला ने २००५ में अपने से ७० साल कम उम्र के व्यक्ति मोहम्मद नूर चे मूसा से शादी की थी | मूसा इनके २२ वें पति हैं
पर जब से इनके पति कुवालालंपुर के नशा मुक्ति पुनर्वास केन्द्र में भर्ती हुए है इन्हे यह डर सता रहा है की कही वहां से आने के बाद उन्हें छोड़ कर इनके पति किसी युवा महिला से शादी कर लेंगे |
इसी कारण अब ये २३ वें पति की तलाश कर रही हैं |
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सोमवार, 14 सितंबर 2009
एक महिला ने ९५ वर्ष बाद ध्रुम्रपान छोडा
एक महिला ने ९५ वर्ष ध्रुम्रपान करने के बाद अंततः ध्रुम्रपान छोड़ दिया | विन्नी लांगली नाम की इस महिला का कहना है की वह ध्रुम्र्पान इसलिए छोड़ रही है क्योंकि इसमे अब उसकी रूचि नही रही | इनके अनुसार ये कैंसर से इसलिए बची रही क्योंकि इन्होने कभी सिगरेट के धुँए को पिया नही |
विन्नी जो दक्षिणी लन्दन के क्रोयडों में रहती है का कहना है की वही सिगरेट पीने से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के विषय में नही जानती है वही तो केवल इसलिए छोड़ रही हैं की इससे उनका अब कोई लगाव नही रहा | इन्होने पहली बार कश सन् १९१४ में लगाया था | मेरी आँखों की रोशनी इन कुछ सालों में कमजोर हो गई है और मै सिगरेट पैक को ठीक से देख नही पाती हूँ |
विन्नी औसतन ५ सिगरेट प्रतिदिन पीतीं थीं अभी तक इन्होने कुल १७०००० से ज्यादा सिगरेट पि चुकीं हैं |
इनके डॉक्टर के अनुसार अब इनके सिगरेट छोड़ने का कोई कारण नही बचा | यदि ये १०२ वर्ष तक बिना कैंसर सिगरेट पी सकतीं हैं तो अब इसकी कोई सम्भावना नही है |link
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विन्नी जो दक्षिणी लन्दन के क्रोयडों में रहती है का कहना है की वही सिगरेट पीने से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के विषय में नही जानती है वही तो केवल इसलिए छोड़ रही हैं की इससे उनका अब कोई लगाव नही रहा | इन्होने पहली बार कश सन् १९१४ में लगाया था | मेरी आँखों की रोशनी इन कुछ सालों में कमजोर हो गई है और मै सिगरेट पैक को ठीक से देख नही पाती हूँ |
विन्नी औसतन ५ सिगरेट प्रतिदिन पीतीं थीं अभी तक इन्होने कुल १७०००० से ज्यादा सिगरेट पि चुकीं हैं |
इनके डॉक्टर के अनुसार अब इनके सिगरेट छोड़ने का कोई कारण नही बचा | यदि ये १०२ वर्ष तक बिना कैंसर सिगरेट पी सकतीं हैं तो अब इसकी कोई सम्भावना नही है |link
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Croydon,
London,
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Winnie Langley
ईत्र ऐड्स को ठीक कर सकता है
कजाख्स्तान के एक वैज्ञानिक ने यह दावा किया है की वह ऐड्स रोगी के शरीर में ईत्र का इंजेक्शन लगा कर एच आई वी को ठीक कर सकता है |
बिने कर्ज्हौबेवा नाम के इस वैज्ञानिक का कहना है की यह एक महंगा ईत्र है |
पर ऐड्स के चिकित्सकों ने इसकी भर्त्सना की है | उनका कहना है की ईत्र का इंजेक्शन न केवल एच ई वी मरीजों के लिए ही घातक है बल्कि यह सामान्य व्यक्ति के लिए भी नुकसानदेह है या गैरकानूनी है |
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बिने कर्ज्हौबेवा नाम के इस वैज्ञानिक का कहना है की यह एक महंगा ईत्र है |
पर ऐड्स के चिकित्सकों ने इसकी भर्त्सना की है | उनका कहना है की ईत्र का इंजेक्शन न केवल एच ई वी मरीजों के लिए ही घातक है बल्कि यह सामान्य व्यक्ति के लिए भी नुकसानदेह है या गैरकानूनी है |
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लेबल:
AIDS medics,
Beine Karzhaubaeva,
Kazakhstan
मंगलवार, 8 सितंबर 2009
एक महिला १२ बच्चों के साथ गर्भवती
ट्यूनीशिया की एक महिला के गर्भ में १२ शिशु है जिनमे ६ लड़के और ६ लड़कियां हैं | यह एक रिकॉर्ड है |
यह एक शिक्षिका है जिसने कृत्रिम गर्भधारण के द्वारा गर्भवती हुई है इससे पहले इसका कई बार गर्भपात हो गया है |
ब्रिटिश फर्टिलिटी सोसायटी के डॉक्टर मार्क हैमिल्टन ने कहा की यह विलक्षण गर्भधारण है जो सम्भव तो है पर इसमे बहुत ज्यादा खतरा है |
यह महिला जिसे लगातार चिकित्सिये निरिक्षण की आवश्यकता है स्वस्थ है और अपने बच्चों को बाँहों में लेने को बेताब है |
बच्चों के पिता जिसका नाम मरवान है के अनुसार उसकी पत्नी सामान्य रूप से बच्चों को जन्म देना चाहती है पर विशेषज्ञों के अनुसार यह सम्भव नही है |
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यह एक शिक्षिका है जिसने कृत्रिम गर्भधारण के द्वारा गर्भवती हुई है इससे पहले इसका कई बार गर्भपात हो गया है |
ब्रिटिश फर्टिलिटी सोसायटी के डॉक्टर मार्क हैमिल्टन ने कहा की यह विलक्षण गर्भधारण है जो सम्भव तो है पर इसमे बहुत ज्यादा खतरा है |
यह महिला जिसे लगातार चिकित्सिये निरिक्षण की आवश्यकता है स्वस्थ है और अपने बच्चों को बाँहों में लेने को बेताब है |
बच्चों के पिता जिसका नाम मरवान है के अनुसार उसकी पत्नी सामान्य रूप से बच्चों को जन्म देना चाहती है पर विशेषज्ञों के अनुसार यह सम्भव नही है |
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सोमवार, 7 सितंबर 2009
हिटलर बनाम एड्स जागरूकता अभियान
एड्स जागरूकता अभियान के एक लिए एक ऐसा विडियो बनाया गया है जिसमे हिटलर को सम्भोग करते दिखाया गया है |
यह विज्ञापन इतना कामुक है की इसे समय रूप से नही दिखाया जा सकता है | इसमे दो युगल को एक मध्यम रोशनी में एक कमरे में सम्भोग करते हुए दिखाया गया है | इसमे जब कैमरा जब पुरूष के चेहरे पर पड़ता है तो पता चलता है की वह हिटलर है | और यह वीडियो इस संदेश के साथ ख़त्म होता है की एड्स जन कातिल है जैसे हिटलर | यह युवाओं को कंडोम प्रयोग करने के जागरूक करता है जिससे असुरक्षित यौन सम्बन्ध ना करें |
इस व्यावसायिक प्रचार को २००९ विश्व एड्स दिवस से जोड़ा जा रहा है पर एच ई वी/ एड्स पर पहले से काम करें वाली संस्थाओं ने इससे अपने दुरी बना रखी है उनका कहना है की यह प्रचार पीडितों के जीवन को और दुस्वार कर देगा जिन्होंने इस विषाणु पर ध्यान नही दिया |
यह प्रचार हमबर्ग के विज्ञापन कम्पनी दस कमिटी द्वारा के जेर्मन संस्था रेगेंबोगें ई वी के लिए तैयार की गई है जो एक एड्स जागरूक सस्थान है |
हंस वेइशौपल जो दस कमिटी के क्रिएटिव डायरेक्टर हैं के अनुसार बहुत से लोग अभी भी ये नही जानते की एड्स प्रति दिन कई लोगों की जान ले रहा है | इस विज्ञापन से हम ये बताना चाहतें है की एड्स अभी भी एक बहुत बड़ा खतरा है |
इस विडियो को जर्मन टेलीविज़न पर प्रसारित किया जाएगा वो भी ९ बजे रात के क्योंकि यह बहुत ही कामुक विडियो है |link
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यह विज्ञापन इतना कामुक है की इसे समय रूप से नही दिखाया जा सकता है | इसमे दो युगल को एक मध्यम रोशनी में एक कमरे में सम्भोग करते हुए दिखाया गया है | इसमे जब कैमरा जब पुरूष के चेहरे पर पड़ता है तो पता चलता है की वह हिटलर है | और यह वीडियो इस संदेश के साथ ख़त्म होता है की एड्स जन कातिल है जैसे हिटलर | यह युवाओं को कंडोम प्रयोग करने के जागरूक करता है जिससे असुरक्षित यौन सम्बन्ध ना करें |
इस व्यावसायिक प्रचार को २००९ विश्व एड्स दिवस से जोड़ा जा रहा है पर एच ई वी/ एड्स पर पहले से काम करें वाली संस्थाओं ने इससे अपने दुरी बना रखी है उनका कहना है की यह प्रचार पीडितों के जीवन को और दुस्वार कर देगा जिन्होंने इस विषाणु पर ध्यान नही दिया |
यह प्रचार हमबर्ग के विज्ञापन कम्पनी दस कमिटी द्वारा के जेर्मन संस्था रेगेंबोगें ई वी के लिए तैयार की गई है जो एक एड्स जागरूक सस्थान है |
हंस वेइशौपल जो दस कमिटी के क्रिएटिव डायरेक्टर हैं के अनुसार बहुत से लोग अभी भी ये नही जानते की एड्स प्रति दिन कई लोगों की जान ले रहा है | इस विज्ञापन से हम ये बताना चाहतें है की एड्स अभी भी एक बहुत बड़ा खतरा है |
इस विडियो को जर्मन टेलीविज़न पर प्रसारित किया जाएगा वो भी ९ बजे रात के क्योंकि यह बहुत ही कामुक विडियो है |link
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मानव कृत्रिम मस्तिष्क की ओर
एक तंत्रिका विज्ञानी का दावा है कि अगले दस वर्षों के भीतर वैज्ञानिकों को मानव मस्तिष्क का माडल विकसित करने में सफलता मिल सकती है | यह कृत्रिम दिमाग असली दिमाग कि तरह काम करेगा |
स्वीटजरलैंड के 'ब्रेन माईंड इंस्टीट्युट' में प्रोफ़ेसर हेनरी मार्करैम ने मिडिया से बातचीत में कहा , " मै पुरी तरह से मानता हूँ कि ऐसा तकनीकी और जैविक रूप से सम्भव है | ऐसी ईजाद के लिए भारी संसाधन कि जरूरत पड़ सकती है | वितीय संसाधन की कमी इसमे अर्चन पैदा कर सकती है | यह बहुत ही खर्चीली परियोजना साबित होगी |' इंसान के दिमाग का माडल तैयार करना वाकई बेहद जटिल काम है , क्योंकि दिमाग करोड़ों तंतुओ, लाखों नसों व प्रोटीन और हजारों जीन से बना है | इतनी सूक्ष्मताओं का सार समझते हुए दिमाग की रचना करना बेहद जटिल तो है पर नामुमकिन नही | कभी हम रोबोट की परिकल्पना को फंतासी मानते थे , पर आज रोबोट इंसान से हजारों गुना ज्यादा सक्रियता के साथ बारीक़ से बारीक़ कार्य को कर सकता है | कृत्रिम दिमाग के विकास में पिछले सौ वर्षों में हुए शोध निष्कर्षों को एक जगह इकट्ठा कर दिमागी संक्रियाओं को समझना बड़ी चुनौती है | दिमाग के आंतरिक विद्युत चुम्बकीये रासायनिक प्रारूप के रहस्य को जानना इस दिशा में बड़ी कामयाबी होगी|
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स्वीटजरलैंड के 'ब्रेन माईंड इंस्टीट्युट' में प्रोफ़ेसर हेनरी मार्करैम ने मिडिया से बातचीत में कहा , " मै पुरी तरह से मानता हूँ कि ऐसा तकनीकी और जैविक रूप से सम्भव है | ऐसी ईजाद के लिए भारी संसाधन कि जरूरत पड़ सकती है | वितीय संसाधन की कमी इसमे अर्चन पैदा कर सकती है | यह बहुत ही खर्चीली परियोजना साबित होगी |' इंसान के दिमाग का माडल तैयार करना वाकई बेहद जटिल काम है , क्योंकि दिमाग करोड़ों तंतुओ, लाखों नसों व प्रोटीन और हजारों जीन से बना है | इतनी सूक्ष्मताओं का सार समझते हुए दिमाग की रचना करना बेहद जटिल तो है पर नामुमकिन नही | कभी हम रोबोट की परिकल्पना को फंतासी मानते थे , पर आज रोबोट इंसान से हजारों गुना ज्यादा सक्रियता के साथ बारीक़ से बारीक़ कार्य को कर सकता है | कृत्रिम दिमाग के विकास में पिछले सौ वर्षों में हुए शोध निष्कर्षों को एक जगह इकट्ठा कर दिमागी संक्रियाओं को समझना बड़ी चुनौती है | दिमाग के आंतरिक विद्युत चुम्बकीये रासायनिक प्रारूप के रहस्य को जानना इस दिशा में बड़ी कामयाबी होगी|
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सोमवार, 31 अगस्त 2009
हनुमान को डेंगू का डर

कवि ललित कुमार झा की दिल्ली पर एक व्यंगातमक कविता जो डेंगू को लेकर व्यंग किया गया है पर यह आज कल चल रहे स्वाईन फ्लू के प्रति बरती गई लापरवाही पर भी सटीक बैठती है पढ़ें और अपनी टिप्पणी भी दे आपकी बात हमें प्रेरणा देती है |
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गुरुवार, 27 अगस्त 2009
मंगलवार, 25 अगस्त 2009
दुनिया का सबसे लंबा डोसा
अहमदाबाद के संकल्प रेस्टोरेंट ने दुनिया का सबसे लंबा डोसा बनने का दावा किया है |
रेस्टोरेंट प्रमुख कैलाश गोयनका का कहना है की हमने मात्र ४० मिनट में ३२ फुट और ५ इंच विश्व का सबसे लंबा डोसा बनाया है |
हम ने २००६ में ३० फुट का विश्व का सबसे लंबा डोसा बनाया था भी हमने अपना ही बनाया पुराना रिकॉर्ड तोडा है
डोसा का नाम आने वाली मूवी क्विक गन मुरुगन जो साकाहारियों पर आधारित है के नाम पर रखा है |
इस डोसा को बनने में १६ खानसामे तथा ८ सहायक लगे | जो दस दिन की मेहनत के बात इसको सही अकार देने में सफल हो सके |
इस टीम के एक सदस्य सज्जन सिंह के अनुसार इतने लंबे डोसा को तवे पर रखना और सही तापमान पर पकाना निश्चय ही बहुत चुनौती पूर्ण काम था |
संकल्प रेस्टोरेंट ने पहला विश्व रिकॉर्ड १९९७ में २५ फुट लंबा डोसा बनाकर बनाया था |link
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रेस्टोरेंट प्रमुख कैलाश गोयनका का कहना है की हमने मात्र ४० मिनट में ३२ फुट और ५ इंच विश्व का सबसे लंबा डोसा बनाया है |
हम ने २००६ में ३० फुट का विश्व का सबसे लंबा डोसा बनाया था भी हमने अपना ही बनाया पुराना रिकॉर्ड तोडा है
डोसा का नाम आने वाली मूवी क्विक गन मुरुगन जो साकाहारियों पर आधारित है के नाम पर रखा है |
इस डोसा को बनने में १६ खानसामे तथा ८ सहायक लगे | जो दस दिन की मेहनत के बात इसको सही अकार देने में सफल हो सके |
इस टीम के एक सदस्य सज्जन सिंह के अनुसार इतने लंबे डोसा को तवे पर रखना और सही तापमान पर पकाना निश्चय ही बहुत चुनौती पूर्ण काम था |
संकल्प रेस्टोरेंट ने पहला विश्व रिकॉर्ड १९९७ में २५ फुट लंबा डोसा बनाकर बनाया था |link
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सोमवार, 24 अगस्त 2009
११ लाख रूपए में हजामत
ब्रिटेन के इस हज्जाम की अपनी ही आन बान है, उसका एक ग्राहक उन्हें एक बार बाल बनाने के १५ हज़ार पौंड देता है |
मध्य लंदन के डोरकेस्टर होटल में हजामत की दुकान चलाने वाले केन मोडेस्टो को हाल ही में बाल बनाने के लिए ब्रुनेई ले जाया गया | उसके लिए सिंगापुर एयरलाइन्स की उड़ान में शानदार सुइट बुक कराया गया और वह सात हज़ार मील की यात्रा कर ब्रुनई पहुंचे | दरअसल, मोडेस्टो ब्रुनई के सुलतान हाजी हसनअल बोलकैया का बाल काटने गया था जो १२ अरब पाउंड का मालिक है | एयरलाइन्स में उसे जो सेल्फ कंटेंड सुइट दिया गया था , उसकी कीमत करीब ११ हज़ार पाउंड यही सवा आठ लाख रुपये थी | यह सेल्फ कंटेंड सुइट इसलिए दिया गया था क्योंकि सुलतान को डर था कि मोडेस्टो स्वाइन फ्लू के वायरस के संपर्क में आ सकता है और वह उसे ज्यादा से ज्यादा अलग थलग रखना चाहते थे | डोरकेस्टर में बाल काटने के एवज में मोडेस्टो को अपने ग्राहक से ३० पाउंड मिला करते हैं |
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मध्य लंदन के डोरकेस्टर होटल में हजामत की दुकान चलाने वाले केन मोडेस्टो को हाल ही में बाल बनाने के लिए ब्रुनेई ले जाया गया | उसके लिए सिंगापुर एयरलाइन्स की उड़ान में शानदार सुइट बुक कराया गया और वह सात हज़ार मील की यात्रा कर ब्रुनई पहुंचे | दरअसल, मोडेस्टो ब्रुनई के सुलतान हाजी हसनअल बोलकैया का बाल काटने गया था जो १२ अरब पाउंड का मालिक है | एयरलाइन्स में उसे जो सेल्फ कंटेंड सुइट दिया गया था , उसकी कीमत करीब ११ हज़ार पाउंड यही सवा आठ लाख रुपये थी | यह सेल्फ कंटेंड सुइट इसलिए दिया गया था क्योंकि सुलतान को डर था कि मोडेस्टो स्वाइन फ्लू के वायरस के संपर्क में आ सकता है और वह उसे ज्यादा से ज्यादा अलग थलग रखना चाहते थे | डोरकेस्टर में बाल काटने के एवज में मोडेस्टो को अपने ग्राहक से ३० पाउंड मिला करते हैं |
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इश्क में असफल प्रेमी को ५० लाख का मुआवजा
श्रीलंका की एक अदालत ने एक बेहद रोचक फैसले में एक महिला को अपने प्रेमी के साथ बेवफाई करने की सज़ा के तौर पर पचास लाख रुपए का मुआवजा चुकाने का निर्देश दिया है | इस महिला पर आरोप था कि उसने अपने पुराने प्रेमी से वादा करने के बावजूद शादी नही की |
अजीथनंदन प्रसन्ना नाम के एक व्यक्ति ने अपने प्रेमिका पर मुकदमा दायर किया था | प्रसन्ना ने आरोप लगाया था की उसकी प्रेमिका ने उससे शादी का झूठा वादा कर उसके साथ बेवफाई की | अदालत ने उक्त महिला को दोषी पाया | अदालत ने महिला को आदेश दिया कि वह अपने पुराने प्रेमी को पचास लाख रुपए का मुआवजा दे | कोलम्बो के जिला न्यायधीश विक्रम कालूआरचची ने प्रसन्ना कि महिला मित्र शिरोमली मलकंठी को उक्त मुआवजे कि भरपाई का आदेश दिया | प्रसन्ना और मलकंठी १९९९ में उस समय परस्पर करीब आए जब दोनों ओमान कि एक कपड़ा फैक्टरी में काम करते थे |
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अजीथनंदन प्रसन्ना नाम के एक व्यक्ति ने अपने प्रेमिका पर मुकदमा दायर किया था | प्रसन्ना ने आरोप लगाया था की उसकी प्रेमिका ने उससे शादी का झूठा वादा कर उसके साथ बेवफाई की | अदालत ने उक्त महिला को दोषी पाया | अदालत ने महिला को आदेश दिया कि वह अपने पुराने प्रेमी को पचास लाख रुपए का मुआवजा दे | कोलम्बो के जिला न्यायधीश विक्रम कालूआरचची ने प्रसन्ना कि महिला मित्र शिरोमली मलकंठी को उक्त मुआवजे कि भरपाई का आदेश दिया | प्रसन्ना और मलकंठी १९९९ में उस समय परस्पर करीब आए जब दोनों ओमान कि एक कपड़ा फैक्टरी में काम करते थे |
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शनिवार, 22 अगस्त 2009
नींद में चलने वाला व्यक्ति ५५ फुट की ऊँचाई से भी गिरकर बच गया
रोमानिया का एक व्यक्ति चौथी मंजिल की खिड़की से गिर पड़ा जब वह नींद में चल रहा था |
अरद का ३२ वर्षीय मरिउस पुर्कारिऊ परदे से लिपटा हुआ कार के बोन्नेट पर पाया गया जो उसके शयन कक्ष के निचे खड़ी थी |
उसने बताया की उसे कुछ भी याद नही की वह वहां कैसे पहुँचा |
उसके अनुसार "मुझे बस इतना याद है की मैंने टीवी बंद किया और सोने के लिए चला गया | तभी मैंने कुछ शोर सुना मेरी बीवी मेरा नाम लेकर खिड़की से पुकार रही थी | निश्चय ही मै भाग्यशाली रहा जो बच गया |
डॉक्टरों का कहना है की यह एक चमत्कार ही है की इतनी ऊँचाई से गिरने के बाद केवल पैर की हड्डी टूटी और छाती में चोट लगी है |
यह पूर्ण रूप से नींद में चलने का मामला है और जब वह गिरा तो उसका शरीर आराम की अवस्था में था क्यूंकि वह सोया हुआ था इसलिए उसकी जान बच सकी | link
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अरद का ३२ वर्षीय मरिउस पुर्कारिऊ परदे से लिपटा हुआ कार के बोन्नेट पर पाया गया जो उसके शयन कक्ष के निचे खड़ी थी |
उसने बताया की उसे कुछ भी याद नही की वह वहां कैसे पहुँचा |
उसके अनुसार "मुझे बस इतना याद है की मैंने टीवी बंद किया और सोने के लिए चला गया | तभी मैंने कुछ शोर सुना मेरी बीवी मेरा नाम लेकर खिड़की से पुकार रही थी | निश्चय ही मै भाग्यशाली रहा जो बच गया |
डॉक्टरों का कहना है की यह एक चमत्कार ही है की इतनी ऊँचाई से गिरने के बाद केवल पैर की हड्डी टूटी और छाती में चोट लगी है |
यह पूर्ण रूप से नींद में चलने का मामला है और जब वह गिरा तो उसका शरीर आराम की अवस्था में था क्यूंकि वह सोया हुआ था इसलिए उसकी जान बच सकी | link
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मंगलवार, 18 अगस्त 2009
विद्रोहियों का सामना करने के लिए मीर्च बम
दुनिया के सबसे तीखी मिर्च का इस्तेमाल भारतीय सुरक्षा बल उपद्रवियों और विद्रोहियों को काबू में करने के लिए हथगोले के रूप में करने जा रही है |
भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने इस हथगोले का परिक्षण पूरा कर लिया है जिसमे भूट, जोलोकिया मिर्च का इस्तेमाल उपद्रवियों को रोकने और आँखों में आंसू लेन के किया गया है |
आर बी श्रीवास्तव निदेशालय प्रमुख जिव विज्ञानं भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के अनुसार यह इतना तेज धुआं छोडेगा की छिपे हुए विद्रोहिओं को बाहर निकलने पर मजबूर कर देगा |
अर्द्धसैनिक बलों को इस बात का सामना करना पड़ता है की कैसे आतंकवादियों को उनके छुपे हुए स्थान से बहार निकला जाए| हम बिना घातक हथियार चाहते थे जो विद्रोहियों और उपद्रवियों को दंगे के समय रोका जा सके |
भूट और जोलोकिया को गिनीज बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में सबसे तीखी मीर्च का खिताब मिला हुआ है |
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भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने इस हथगोले का परिक्षण पूरा कर लिया है जिसमे भूट, जोलोकिया मिर्च का इस्तेमाल उपद्रवियों को रोकने और आँखों में आंसू लेन के किया गया है |
आर बी श्रीवास्तव निदेशालय प्रमुख जिव विज्ञानं भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के अनुसार यह इतना तेज धुआं छोडेगा की छिपे हुए विद्रोहिओं को बाहर निकलने पर मजबूर कर देगा |
अर्द्धसैनिक बलों को इस बात का सामना करना पड़ता है की कैसे आतंकवादियों को उनके छुपे हुए स्थान से बहार निकला जाए| हम बिना घातक हथियार चाहते थे जो विद्रोहियों और उपद्रवियों को दंगे के समय रोका जा सके |
भूट और जोलोकिया को गिनीज बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में सबसे तीखी मीर्च का खिताब मिला हुआ है |
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सहकर्मी यह जान कर हैरान रह गई की उनके पति एक ही व्यक्ति है
दो चीनी महिलाएं जो एक साथ काम करती हैं यह जानकर अचम्भित रह गई की उन्होंने एक ही व्यक्ति से शादी की है|
हेन्ग्ज़्हौ के रहने वाले ४२ वर्षीय सुई बिन को द्विविवाह के लिए तीन माह की जेल हुई जब यह बात आमने आई |
इसने पहले ज्हंग दनदन से शादी की और दोनों की एक बेटी भी है पर सुई बिन के बेटा चाहता था |
उसने कहा की मैं हमेशा से एक बेटा चाहता था पर चीनी कानून एक परिवार एक बच्चा के कारण यह सम्भव नही था इसलिए मैंने चुपके से दूसरी शादी कर ली |
वह वांग ना से मिला और दोनों ने शादी कर ली और उनका एक बेटा भी है | बिन ने दोनों घरों में अपना समय बाँट दिया |
इस बीच ज्हंग और वांग दोनों दोस्त बन गए पर कभी सपने में भी नही सोचा था की दोनों के पति एक ही व्यक्ति है |
वांग यह जानती थी की उसके दोस्त की एक बेटी है और उसका पति एक बिल्डर है और कही दूर काम करता है | ज्हंग को पता था वांग की नई शादी हुई है पर वह उसके घर कभी नही गई |
सच्चाई तब सामने आई जब वांग को अपने पति पर शक हुआ की वह किसी दूसरी औरत से फ़ोन पर बात कर रहा है | जब वांग ने उस नम्बर को मिलाया तो उसे अपने कानो पर विश्वास नही हुआ |
वांग के अनुसार जब उसने नम्बर दुबारा मिलाया तो उसे विश्वास ही नही हुआ की दूसरी ओर बोले वाली औरत सुई की पत्नी थी हम दोनों एक दुसरे की आवाज़ को जल्दी ही पहचान गए और हमारा गुस्सा सुई पर फ़ुट पड़ा |link
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हेन्ग्ज़्हौ के रहने वाले ४२ वर्षीय सुई बिन को द्विविवाह के लिए तीन माह की जेल हुई जब यह बात आमने आई |
इसने पहले ज्हंग दनदन से शादी की और दोनों की एक बेटी भी है पर सुई बिन के बेटा चाहता था |
उसने कहा की मैं हमेशा से एक बेटा चाहता था पर चीनी कानून एक परिवार एक बच्चा के कारण यह सम्भव नही था इसलिए मैंने चुपके से दूसरी शादी कर ली |
वह वांग ना से मिला और दोनों ने शादी कर ली और उनका एक बेटा भी है | बिन ने दोनों घरों में अपना समय बाँट दिया |
इस बीच ज्हंग और वांग दोनों दोस्त बन गए पर कभी सपने में भी नही सोचा था की दोनों के पति एक ही व्यक्ति है |
वांग यह जानती थी की उसके दोस्त की एक बेटी है और उसका पति एक बिल्डर है और कही दूर काम करता है | ज्हंग को पता था वांग की नई शादी हुई है पर वह उसके घर कभी नही गई |
सच्चाई तब सामने आई जब वांग को अपने पति पर शक हुआ की वह किसी दूसरी औरत से फ़ोन पर बात कर रहा है | जब वांग ने उस नम्बर को मिलाया तो उसे अपने कानो पर विश्वास नही हुआ |
वांग के अनुसार जब उसने नम्बर दुबारा मिलाया तो उसे विश्वास ही नही हुआ की दूसरी ओर बोले वाली औरत सुई की पत्नी थी हम दोनों एक दुसरे की आवाज़ को जल्दी ही पहचान गए और हमारा गुस्सा सुई पर फ़ुट पड़ा |link
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बाल रंगने का नया विश्व रिकॉर्ड
चीन ने एक स्थान पर सबसे अधिक लोगों को एक साथ बाल रंगने का नया विश्व रिकॉर्ड बनाया है |
कुल ५०० मध्य और अधेर उम्र के लोग शंघाई विश्वविद्यालय के व्ययामशाला में इकट्ठे हो कर यह रिकॉर्ड बनाया है |
इसमे भाग लेने वाले लोग जिनके बाल थोड़े या पूरे सफ़ेद हो गए थे में इस बात की प्रतियोगिता थी की कौन कितने जल्दी अपने बाल काले कर लेता है |
जिसमे सबसे तेज बाल रंगने वाले ने अपने बाल केवल एक मिनट रंग लिए और सबसे धीरे रंगने वाले ने नौ मिनट और एक सेकंड में रंगा |
इस नए रिकॉर्ड का गवाह और प्रमाणित करने वाला चीन का रिकॉर्ड कार्यालय और Shanghai माप और परिक्षण तकनीक संस्था हैं |link
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कुल ५०० मध्य और अधेर उम्र के लोग शंघाई विश्वविद्यालय के व्ययामशाला में इकट्ठे हो कर यह रिकॉर्ड बनाया है |
इसमे भाग लेने वाले लोग जिनके बाल थोड़े या पूरे सफ़ेद हो गए थे में इस बात की प्रतियोगिता थी की कौन कितने जल्दी अपने बाल काले कर लेता है |
जिसमे सबसे तेज बाल रंगने वाले ने अपने बाल केवल एक मिनट रंग लिए और सबसे धीरे रंगने वाले ने नौ मिनट और एक सेकंड में रंगा |
इस नए रिकॉर्ड का गवाह और प्रमाणित करने वाला चीन का रिकॉर्ड कार्यालय और Shanghai माप और परिक्षण तकनीक संस्था हैं |link
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परग्रहियों ने की मानवों के अपहरण की कोशिश
ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय ने ८०० घटनाओ वाली रिपोर्ट की जानकारी सार्वजनिक करते हुए खुलासा किया है की परग्रही जीवों ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों से अलग अलग समय पर मानवों के अपहरण के प्रयास किए हैं |
वर्ष १९९१ से १९९६ तक की घटनाओ पर केंद्रित यह रिपोर्ट चार हजार पृष्टों की है | इस रिपोर्ट में उस घटना का जिक्र है , जिसमे ब्रिटिश पुलिस नीबू के आकार के सिर वाले परग्रही द्वारा दो बालकों को खींचकर उड़नतश्तरी में ले जाने के प्रयास के जाँच कर रही है | मंत्रालय की ओर से सार्वजनिक की गई इस रिपोर्ट को राष्ट्रिय अभिलेखागार की वेबसाइट पर जरी किया गया है |
इस रिपोर्ट में १९९० के दशक के मध्य में स्टलिंगशायर के बोनिब्रिज के पास की परग्रहियों से सम्बंधित बहुचर्चित घटनाओं का भी जिक्र किया गया है | उल्लेखनीय है की १९९६ में परग्रहियों से जुड़ी घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई थी | एक साल के दौरान परग्रहियों को देखने की घटनाए ११७ से बढ़ कर ६०९ हो जाने की ख़बर आई थी |
हालाँकि विशेषज्ञों का कहना है कि टेलीविजन के कुछ कार्यक्रमों कि लोकप्रियता के कारण इससे जुड़ी अफवाहों में वृद्धि हुई | रिपोर्ट में वर्णित मई १९९५ कि एक घटना में स्टाफोर्डशायर के दो लड़कों ने पुलिस से कहा था कि पुलिस का कहना है कि घटना के बाद लड़के बहुत ज्यादा तनाव में थे | इस रिपोर्ट में इस बात कि आशंका भी जताई गई थी कि १९९३ में डेवन, कोर्नवाल , साउथ वेल्स और श्रोपशायर में परग्रही देखे जाने कि ७० से ज्यादा कथित घटनाओ के पीछे शायद अमेरिकी गुप्तचर विमानों कि भूमिका हो | रिपोर्ट के अनुसार कुछ गवाहों, पुलिस और सैन्यकर्मियों ने नीचा उड़ने वाले किसी विशाल पिंड को देखा जिससे अजीबोगरीब आवाज आ रही थी |
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वर्ष १९९१ से १९९६ तक की घटनाओ पर केंद्रित यह रिपोर्ट चार हजार पृष्टों की है | इस रिपोर्ट में उस घटना का जिक्र है , जिसमे ब्रिटिश पुलिस नीबू के आकार के सिर वाले परग्रही द्वारा दो बालकों को खींचकर उड़नतश्तरी में ले जाने के प्रयास के जाँच कर रही है | मंत्रालय की ओर से सार्वजनिक की गई इस रिपोर्ट को राष्ट्रिय अभिलेखागार की वेबसाइट पर जरी किया गया है |
इस रिपोर्ट में १९९० के दशक के मध्य में स्टलिंगशायर के बोनिब्रिज के पास की परग्रहियों से सम्बंधित बहुचर्चित घटनाओं का भी जिक्र किया गया है | उल्लेखनीय है की १९९६ में परग्रहियों से जुड़ी घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई थी | एक साल के दौरान परग्रहियों को देखने की घटनाए ११७ से बढ़ कर ६०९ हो जाने की ख़बर आई थी |
हालाँकि विशेषज्ञों का कहना है कि टेलीविजन के कुछ कार्यक्रमों कि लोकप्रियता के कारण इससे जुड़ी अफवाहों में वृद्धि हुई | रिपोर्ट में वर्णित मई १९९५ कि एक घटना में स्टाफोर्डशायर के दो लड़कों ने पुलिस से कहा था कि पुलिस का कहना है कि घटना के बाद लड़के बहुत ज्यादा तनाव में थे | इस रिपोर्ट में इस बात कि आशंका भी जताई गई थी कि १९९३ में डेवन, कोर्नवाल , साउथ वेल्स और श्रोपशायर में परग्रही देखे जाने कि ७० से ज्यादा कथित घटनाओ के पीछे शायद अमेरिकी गुप्तचर विमानों कि भूमिका हो | रिपोर्ट के अनुसार कुछ गवाहों, पुलिस और सैन्यकर्मियों ने नीचा उड़ने वाले किसी विशाल पिंड को देखा जिससे अजीबोगरीब आवाज आ रही थी |
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चूहा खाने वाला पौधा
ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने विशालकाय मांसाहारी पिचर पौधे का पता लगाया है जो चूहे को खा जाता है |
वैज्ञानिकों के अनुसार घडे के आकार वाला यह पौधा चूहों को अपनी ओर आकर्षित करता है और अपने तेजाब जैसे एंजाइम से उन्हें निगल जाता है |
जीवविज्ञानिक स्टेवार्ट मैकफर्सन और आलस्तेयर राबिन्सन को पता चला कि मिशनरी के लोगो ने चूहा खाने वाले पेड़ को देखा है | यह जानकारी मिले के बाद इन वैज्ञानिकों ने फिलिपींस के विक्टोरिया पहाड़ पर इस पेड़ का पता लगाया | मैकफर्सन ने बताया कि यह पेड़ विशेष तरह का जाल बिछाता है जिससे न सिर्फ़ कीडे-मकोडे बल्कि चूहे भी आकर्षित हो जाते हैं |
उन्होंने कहा कि यह बड़े आश्चर्य कि बात है कि २१वि सदी तक इस पेड़ का पता नही लगाया जा सका था | हरे और लाल रंग के इस पौधे का तना चार फुट लंबा होता है | यह विक्टोरिया पहाड़ कि ऊंचाईयों पर ही पाया जाता है |
मैकफर्सन और कैंब्रिज विश्वविध्यालय के पूर्व जीवविज्ञानी ने इसे २००७ में ही खोज लिया था लेकिन उन्होंने करीब तीन वर्ष तक पिचर पौधे कि १२० प्रजातियों का गहन अध्ययन करने के बाद इस पेड़ के बारे में खुलासा किया |
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वैज्ञानिकों के अनुसार घडे के आकार वाला यह पौधा चूहों को अपनी ओर आकर्षित करता है और अपने तेजाब जैसे एंजाइम से उन्हें निगल जाता है |
जीवविज्ञानिक स्टेवार्ट मैकफर्सन और आलस्तेयर राबिन्सन को पता चला कि मिशनरी के लोगो ने चूहा खाने वाले पेड़ को देखा है | यह जानकारी मिले के बाद इन वैज्ञानिकों ने फिलिपींस के विक्टोरिया पहाड़ पर इस पेड़ का पता लगाया | मैकफर्सन ने बताया कि यह पेड़ विशेष तरह का जाल बिछाता है जिससे न सिर्फ़ कीडे-मकोडे बल्कि चूहे भी आकर्षित हो जाते हैं |
उन्होंने कहा कि यह बड़े आश्चर्य कि बात है कि २१वि सदी तक इस पेड़ का पता नही लगाया जा सका था | हरे और लाल रंग के इस पौधे का तना चार फुट लंबा होता है | यह विक्टोरिया पहाड़ कि ऊंचाईयों पर ही पाया जाता है |
मैकफर्सन और कैंब्रिज विश्वविध्यालय के पूर्व जीवविज्ञानी ने इसे २००७ में ही खोज लिया था लेकिन उन्होंने करीब तीन वर्ष तक पिचर पौधे कि १२० प्रजातियों का गहन अध्ययन करने के बाद इस पेड़ के बारे में खुलासा किया |
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सोमवार, 17 अगस्त 2009
अध्यापक ने बच्चे को ४० सिगरेट पीने के सजा दी
मलेसिया एक ऐसा देश है जो अजीबोगरीब सजा देने के लिए जाना जाता है | ऐसी ही एक घटना में एक अध्यापक ने बच्चे को २ घंटे में ४० सिगरेट पीने की सजा दी |
मो. अलिफ़ अरिन नामक छात्र को यह सजा ध्रूमपान सामग्री न रखने के स्कूल नियमो के उल्लंघन के लिए दी गई |
दूसरी और अरिन के चाचा चाची जो इसे अभिभावक भी है इस घटना से खाफी सहमे हुए है इस इसका दुष्प्रभाव बच्चे के स्वास्थ्य पर पड़ेगा | इसके खिलाफ इन्होने लंगकावी पुलिस में इसकी रिपोर्ट भी करायी है |
स्थानिये पुलिस अधीक्षक ने अध्यापक से इस घटना के लिया माफी मांगने को कहा और इस मामले को यही बंद कर दिया | बच्चे के अभिभावक ने भी इस माफी को स्वीकार कर लिया |link
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मो. अलिफ़ अरिन नामक छात्र को यह सजा ध्रूमपान सामग्री न रखने के स्कूल नियमो के उल्लंघन के लिए दी गई |
दूसरी और अरिन के चाचा चाची जो इसे अभिभावक भी है इस घटना से खाफी सहमे हुए है इस इसका दुष्प्रभाव बच्चे के स्वास्थ्य पर पड़ेगा | इसके खिलाफ इन्होने लंगकावी पुलिस में इसकी रिपोर्ट भी करायी है |
स्थानिये पुलिस अधीक्षक ने अध्यापक से इस घटना के लिया माफी मांगने को कहा और इस मामले को यही बंद कर दिया | बच्चे के अभिभावक ने भी इस माफी को स्वीकार कर लिया |link
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रविवार, 16 अगस्त 2009
शनिवार, 15 अगस्त 2009
शुक्रवार, 14 अगस्त 2009
तीन साल के बच्चे को मोटर साइकिल का लाइसेंस मिला
तीन साल के एक बच्चे को विशेष लाइसेंस दिया गया है मोटरसाईकिल चलाने के लिए |
अजीम खान जो दिल्ली में रहता है रोयल एन्फिएल्ड बुल्लेट को चला सकता है | इसके पिता ने मोटरसाईकिल में विशेष इंतजाम किए है जिससे यह मोटरसाईकिल को नियंत्रित कर सके |
बच्चे के पिता शांतनु कहतें है की मैं जनता हूँ यह बड़े चालको से जयादा सुरक्षित चालक है | मैं इसे मोटरसाईकिल पर बिठा देता हूँ और यह हमेशा मोटरसाईकिल नियंत्रित कर लेता है | निश्चित ही यह एक दिन पेशेवर मोटरसाईकिल रेसर बनेगा |
अजीम जो अगले महीने चार साल का हो जाएगा उसे अकेले मोटरसाईकिल चलने के इजाजत नही है |
इसके पिता के अनुसार मैं निश्चित रूप से इसे अकेले मोटरसाईकिल नही चलाने दूंगा मुझे अजीम पर तो विश्वास है पर और मोटरसाईकिल चालक पर नही |
अजीम आगे हर्ले दविद्सों चाहता है पर इसके लिए उसे कुच्छ साल इंतज़ार करना पड़ेगा इसके पिता कहते हैं|link
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अजीम खान जो दिल्ली में रहता है रोयल एन्फिएल्ड बुल्लेट को चला सकता है | इसके पिता ने मोटरसाईकिल में विशेष इंतजाम किए है जिससे यह मोटरसाईकिल को नियंत्रित कर सके |
बच्चे के पिता शांतनु कहतें है की मैं जनता हूँ यह बड़े चालको से जयादा सुरक्षित चालक है | मैं इसे मोटरसाईकिल पर बिठा देता हूँ और यह हमेशा मोटरसाईकिल नियंत्रित कर लेता है | निश्चित ही यह एक दिन पेशेवर मोटरसाईकिल रेसर बनेगा |
अजीम जो अगले महीने चार साल का हो जाएगा उसे अकेले मोटरसाईकिल चलने के इजाजत नही है |
इसके पिता के अनुसार मैं निश्चित रूप से इसे अकेले मोटरसाईकिल नही चलाने दूंगा मुझे अजीम पर तो विश्वास है पर और मोटरसाईकिल चालक पर नही |
अजीम आगे हर्ले दविद्सों चाहता है पर इसके लिए उसे कुच्छ साल इंतज़ार करना पड़ेगा इसके पिता कहते हैं|link
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आवारा कुतों का रोजाना रेल सफर
अब केवल रेल या बस में आपका हमसफ़र कोई आवारा कुता हो तो कोई आश्चर्य की बात नही | क्योंकि अब उन्होंने भी रोज रेल सफर करना सीख लिया है वो भी निश्चित समय पर |
मोस्को के वैज्ञानिक के अनुसार आवारा कुतों ने भोजन की तलाश में भूमिगत रेल का इस्तेमाल करना सीख लिया है |
बाईलोजी प्रोफ़ेसर एंड्र्यू पोयार्कोव अनुसार उन्होंने कई आवारा कुतों को शहर को रेल का सफर करते देखा है | इनका दावा है की ये कुते रोज शहर के केन्द्र जातें है जहाँ इन्हे आसानी से भोजन मिल जाता है और शाम को लौट आते है जहाँ ये रहते हैं |
ये ना केवल स्टेशन पर आतें है बल्कि ट्रेन में भी चढते हैं | इन्होने यह भी सीख लिया है की उन्हें कितनी देर ट्रेन में रहना है और अपने गंतव्य पर उतरना है | कई बार ये ट्रेन में सो जातें है जिससे अपने गंतव्य से आगे चले जातें है तो अगले स्टेशन पर उतरकर वापस आने वाली ट्रेन पकड़ कर अपने गंतव्य पर पहुचतें हैं |
डॉ पोयार्कोव के अनुसार उन्होंने इन कुतों को चौराहे पर हरी बत्ती का इन्तजार करते देखा है ताकि सड़क पार कर सकें |link
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मोस्को के वैज्ञानिक के अनुसार आवारा कुतों ने भोजन की तलाश में भूमिगत रेल का इस्तेमाल करना सीख लिया है |
बाईलोजी प्रोफ़ेसर एंड्र्यू पोयार्कोव अनुसार उन्होंने कई आवारा कुतों को शहर को रेल का सफर करते देखा है | इनका दावा है की ये कुते रोज शहर के केन्द्र जातें है जहाँ इन्हे आसानी से भोजन मिल जाता है और शाम को लौट आते है जहाँ ये रहते हैं |
ये ना केवल स्टेशन पर आतें है बल्कि ट्रेन में भी चढते हैं | इन्होने यह भी सीख लिया है की उन्हें कितनी देर ट्रेन में रहना है और अपने गंतव्य पर उतरना है | कई बार ये ट्रेन में सो जातें है जिससे अपने गंतव्य से आगे चले जातें है तो अगले स्टेशन पर उतरकर वापस आने वाली ट्रेन पकड़ कर अपने गंतव्य पर पहुचतें हैं |
डॉ पोयार्कोव के अनुसार उन्होंने इन कुतों को चौराहे पर हरी बत्ती का इन्तजार करते देखा है ताकि सड़क पार कर सकें |link
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गुरुवार, 13 अगस्त 2009
गैर बिरादरी में शादी रचाई और नौकरी गँवाई
मिंया बीवी राजी तो क्या करेगा काजी? यह कहावत मध्यप्रदेश सरकार के आला अफसरों के नजरिये से मेल नही खाती है | राज्य के आला अफसरों ने एक आदिवासी महिला को सिर्फ़ इस कारण नौकरी से निकल दिया क्योंकि उसने एक उच्च जाती के युवक के साथ शादी कर ली है |
अंतरजातीय प्रेम विवाह करने के कारन नौकरी गंवाने वाली हेमलता मंडलोई द्वितीय श्रेणी राजपत्रित अधिकारी हैं | वे गुना जिले के आरोन जनपद पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी हैं |
हेमलता को अपने अधीनस्थ अधिकारी अरविन्द शर्मा से प्यार हो गया | दोनों ने दिसम्बर में शादी कर ली | इस शादी के लिए हेमलता और अरविन्द ने छुट्टी भी मंजूर करायी | ग्वालियर के संभागायुक्त कोमल सिंह को यह शादी रास नही आई | उन्होंने अवकाश से लौटने के बाद हेमलता को बर्खास्त करने का आदेश थमा दिया | नौकरी से निकले जाने की वजह अंतरजातीय विवाह बताई गई है | आदेश में कहा गया है कि इस विवाह से सरकार कि छवि धूमिल हूई है | जबकि दोनों ने विवाह परिजनों कि सहमती से किया था | जबकि संभागायुक्त ने हेमलता के गायब होने कि कथित पुलिस रिपोर्ट को आधार मानकर कार्यवाही कर डाली | इस कार्यवाही में अवकाश नियमो एवं कर्मचारियों के जायज हक़ का भी ध्यान नही रखा गया | संभागायुक्त के आदेश खिलाफ हेमलता अदालत गई | अदालत के कियान्वयन पर रोक लगा दी है |
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अंतरजातीय प्रेम विवाह करने के कारन नौकरी गंवाने वाली हेमलता मंडलोई द्वितीय श्रेणी राजपत्रित अधिकारी हैं | वे गुना जिले के आरोन जनपद पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी हैं |
हेमलता को अपने अधीनस्थ अधिकारी अरविन्द शर्मा से प्यार हो गया | दोनों ने दिसम्बर में शादी कर ली | इस शादी के लिए हेमलता और अरविन्द ने छुट्टी भी मंजूर करायी | ग्वालियर के संभागायुक्त कोमल सिंह को यह शादी रास नही आई | उन्होंने अवकाश से लौटने के बाद हेमलता को बर्खास्त करने का आदेश थमा दिया | नौकरी से निकले जाने की वजह अंतरजातीय विवाह बताई गई है | आदेश में कहा गया है कि इस विवाह से सरकार कि छवि धूमिल हूई है | जबकि दोनों ने विवाह परिजनों कि सहमती से किया था | जबकि संभागायुक्त ने हेमलता के गायब होने कि कथित पुलिस रिपोर्ट को आधार मानकर कार्यवाही कर डाली | इस कार्यवाही में अवकाश नियमो एवं कर्मचारियों के जायज हक़ का भी ध्यान नही रखा गया | संभागायुक्त के आदेश खिलाफ हेमलता अदालत गई | अदालत के कियान्वयन पर रोक लगा दी है |
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लेबल:
gwalior,
Hemlata,
inter-cast marry,
Madhay Pradesh
सोमवार, 10 अगस्त 2009
विश्व की सबसे बड़ी गुफा
वियतनाम में विश्व की सबसे बड़ी गुफा खोजी गई है | गुफा वास्तव में कई प्राकृतिक रहस्यों से भरी जगह होती है | ऐसी जगह पर जाने का दुसाहस कम ही लोग कर पातें है
सों दूंग नाम की यह गुफा २६२ फुट चौडी है कही कही यह ४६० फिट चौडी है | इसमे १.६ मील लम्बी नदी है तथा २३० फुट स्तालाग्मिट्स हैं |
इस गुफा की खोज एक स्थानिये किशान ने की है | ब्रिटिश और वियतनाम के खोजी संयुक्त दल ने इसकी जाँच की है | दल ने अपने खोजी अभियान में गुफा की दीवारों को ४६ फुट ऊँची पाई है |
पुराना रिकॉर्ड मलेसिया के द्वीप बोर्नो के Deer केव के नाम है जो ३०० फिट चौडी है | पर सों दूंग से काफी छोटी है |
वियतनाम का वह क्षेत्र जहाँ ऐसे चुना पत्थर की गुफाएं भरे परे है | उनके विषय में जानना खोजकर्ताओं के लिए बहुत कठिन काम है | खोजी दल ने इन गुफाओं का आकार जानने के लिए लेजर तकनीक का प्रयोग किया है |link
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सों दूंग नाम की यह गुफा २६२ फुट चौडी है कही कही यह ४६० फिट चौडी है | इसमे १.६ मील लम्बी नदी है तथा २३० फुट स्तालाग्मिट्स हैं |
इस गुफा की खोज एक स्थानिये किशान ने की है | ब्रिटिश और वियतनाम के खोजी संयुक्त दल ने इसकी जाँच की है | दल ने अपने खोजी अभियान में गुफा की दीवारों को ४६ फुट ऊँची पाई है |
पुराना रिकॉर्ड मलेसिया के द्वीप बोर्नो के Deer केव के नाम है जो ३०० फिट चौडी है | पर सों दूंग से काफी छोटी है |
वियतनाम का वह क्षेत्र जहाँ ऐसे चुना पत्थर की गुफाएं भरे परे है | उनके विषय में जानना खोजकर्ताओं के लिए बहुत कठिन काम है | खोजी दल ने इन गुफाओं का आकार जानने के लिए लेजर तकनीक का प्रयोग किया है |link
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रविवार, 9 अगस्त 2009
१.४ मील लंबा वैवाहिक पोशाक
एक चीनी वधु को अपना नाम Guinness World रेकॉर्ड्स में दर्ज होने की उम्मीद है क्योंकि इसने अपने विवाह के अवसर पर १.४ लंबा पोशाक पहना था | इस पोषक में ९९९९९ सिल्क के गुलाब लगे थे |
२०० से ज्यादा लोग तीन घंटे से ज्यादा लगे रहे इस पोशाक को फैलाने में |
उत्तरपूर्व जिलिन प्रान्त के रहने वाले वर जहो पेंग जो एक रेलवे कर्मचारी हैं का कहना है की वह वर्तमान रिकॉर्ड १,५७९ मीटर के रिकॉर्ड को तोड़ना चाहते थे | इनका कहना है की पोशाक की लम्बाई और इसमे लगे सिल्क गुलाब दोनों ही एक इतिहास रच सकतें है | यह बात कोई मायने नही रखता है की वह रिकॉर्ड बना पातें है या नही | इनका कहना है की इन्होने अपनी विवाह का वीडियो गिनीज वर्ल्ड रेकॉर्ड्स के दफ्तर पुष्टि के लिए फेज दिया है |
इनके अनुसार ना तो यह सामान्य परम्परागत रूप से विवाह करना चाहते थे और न ही यह गुब्बारे में उड़ कर विवाह का खर्च उठा सकते थे | इस पोशाक का कुल खर्च £ ३,५०० है |
जहो की मां के अनुसार यह पैसे के बर्बादी है | पर मैं यह समझती हूँ की यह इस दिन को यादगार बनाना चाहता था |
जहो सामन लाकर अपने रिश्तेदारों से इस पोशाक को हाथ से बनने को कहा जिसमे तक़रीबन तीन महीने का समय लगा |link
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२०० से ज्यादा लोग तीन घंटे से ज्यादा लगे रहे इस पोशाक को फैलाने में |
उत्तरपूर्व जिलिन प्रान्त के रहने वाले वर जहो पेंग जो एक रेलवे कर्मचारी हैं का कहना है की वह वर्तमान रिकॉर्ड १,५७९ मीटर के रिकॉर्ड को तोड़ना चाहते थे | इनका कहना है की पोशाक की लम्बाई और इसमे लगे सिल्क गुलाब दोनों ही एक इतिहास रच सकतें है | यह बात कोई मायने नही रखता है की वह रिकॉर्ड बना पातें है या नही | इनका कहना है की इन्होने अपनी विवाह का वीडियो गिनीज वर्ल्ड रेकॉर्ड्स के दफ्तर पुष्टि के लिए फेज दिया है |
इनके अनुसार ना तो यह सामान्य परम्परागत रूप से विवाह करना चाहते थे और न ही यह गुब्बारे में उड़ कर विवाह का खर्च उठा सकते थे | इस पोशाक का कुल खर्च £ ३,५०० है |
जहो की मां के अनुसार यह पैसे के बर्बादी है | पर मैं यह समझती हूँ की यह इस दिन को यादगार बनाना चाहता था |
जहो सामन लाकर अपने रिश्तेदारों से इस पोशाक को हाथ से बनने को कहा जिसमे तक़रीबन तीन महीने का समय लगा |link
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शुक्रवार, 31 जुलाई 2009
दुनिया का सबसे युवा धुम्रपान करने वाला
चीन में अधिकारिक तौर पर धुम्रपान करने वालों से कहा जाता है की यह आपके लिए हानिकारक है इसे तुरंत रोक दें इसे आदत ना बनायें | यह एक अच्छी सलाह है पर तिंजिन शहर के एक नागरिक के लिए इस सलाह को अपनाने के लिए बहुत देर हो चुकी है |
तोंग लिंग्लिंग कोई लंबे समय से धुम्रपान नही कर रहा है उसे धुम्रपान करते हुए बस आधा साल ही हुआ है | वह एक दिन में एक पैक सिगरेट पि जाता है |
तोंग लिंग्लिंग केवल दो साल का है |
इस परिस्थिति के लिए तोंग लिंग्लिंग के पिता को धन्यवाद देना चाहिए जिसने इस बच्चे में यह आदत डाली | जब लिंग्लिंग डेढ़ साल का था तो उसे हर्निया के दर्द की शिकायत थी | पर इतने छोटे से बच्चे का ऑपरेशन नही हो सकता था इस लिए इसके पिता ने सोचा शायद सिगरेट से बच्चे को दर्द में आराम मिले और उसे बच्चे को सिगरेट पीना सिखा दिया |
इस इलाज से बच्चे को कितना फायदा हुआ यह स्पष्ट नही है पर इतना जरूर है की इससे दो बातें हुई एक तो यह की Tong लिंग्लिंग दुनिया का सबसे युवा धुम्रपान करने वाला बन गया और इतनी छोटी उम्र में ख़ुद सिगरेट जलना सीख गया जो देखने में अजीब लगता है |
दूसरी बात की एक छोटे बच्चे का जीवन बरबाद हो गया | जब बच्चे का सिगरेट ख़त्म हो जाता है तो वह चिर्चिड़ा हो जाता है |पर इस बात को लेकर इस बच्चे के पिता बिल्कुल भी चिंतित नही है |link
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तोंग लिंग्लिंग कोई लंबे समय से धुम्रपान नही कर रहा है उसे धुम्रपान करते हुए बस आधा साल ही हुआ है | वह एक दिन में एक पैक सिगरेट पि जाता है |
तोंग लिंग्लिंग केवल दो साल का है |
इस परिस्थिति के लिए तोंग लिंग्लिंग के पिता को धन्यवाद देना चाहिए जिसने इस बच्चे में यह आदत डाली | जब लिंग्लिंग डेढ़ साल का था तो उसे हर्निया के दर्द की शिकायत थी | पर इतने छोटे से बच्चे का ऑपरेशन नही हो सकता था इस लिए इसके पिता ने सोचा शायद सिगरेट से बच्चे को दर्द में आराम मिले और उसे बच्चे को सिगरेट पीना सिखा दिया |
इस इलाज से बच्चे को कितना फायदा हुआ यह स्पष्ट नही है पर इतना जरूर है की इससे दो बातें हुई एक तो यह की Tong लिंग्लिंग दुनिया का सबसे युवा धुम्रपान करने वाला बन गया और इतनी छोटी उम्र में ख़ुद सिगरेट जलना सीख गया जो देखने में अजीब लगता है |
दूसरी बात की एक छोटे बच्चे का जीवन बरबाद हो गया | जब बच्चे का सिगरेट ख़त्म हो जाता है तो वह चिर्चिड़ा हो जाता है |पर इस बात को लेकर इस बच्चे के पिता बिल्कुल भी चिंतित नही है |link
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गुरुवार, 30 जुलाई 2009
चीनी लड़का अंधेरे में भी देख सकता है
दक्षिणी चीन में केट बॉय के नाम से जाना जाने वाला नोंग यूही की यह एक विचित्र खूबी है की वह रात के गुप्प अंधेरे में भी अपनी नीली आँखों से देख सकता है जो अंधेरे में चमकती है |
नीली चमकीली आंख का होना चीन में एक अजीब बात है | नोंग यूही के पिता लिंग के अनुसार वह इस बात से चिंतित रहते थे की वह रात के अंधेरे में भी उन चीजों को देख लेता है जिसे वह कभी समझ भी नही पाते थे |
लिंग के अनुसार लोग कहते थे की वह ठीक हो जाएगा तथा उसकी ऑंखें भी अन्य चीनियों की तरह काली हो जाएँगी जो नही हुई |
जब लड़के का चिकित्सिये निरिक्षण हुआ तो पाया गया की वह अंधेरे में भी उतनी आसानी से पढ़ सकता है जितनी आसानी से लोग दिन के उजाले में पढ़ सकते हैं |
विशेषज्ञों के अनुसार लड़के का जन्म जीर्ण अवस्था में हुआ था जिसे लयूकोदेर्मिया के नाम से जाना जाता है इस में धब्बा या पट्टी जैसा निशान वर्णक त्वचा पर होता है | लयूकोदेर्मिया का सटीक कारण अभी तक पूरी तरह से समझ नही आया है, यह स्वतः परिरक्षा विकार का परिणाम होता है | इसमे ऑंखें प्रकाश के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती हैं | और यह बिना रक्षात्मक वर्णक के होता है जो सामान्य आँखों में पाया जाता है |
यह विचित्र विसगती कई असहज सवाल उठता है की क्या मानव अभी भी निर्माण की प्रक्रिया में है |link
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नीली चमकीली आंख का होना चीन में एक अजीब बात है | नोंग यूही के पिता लिंग के अनुसार वह इस बात से चिंतित रहते थे की वह रात के अंधेरे में भी उन चीजों को देख लेता है जिसे वह कभी समझ भी नही पाते थे |
लिंग के अनुसार लोग कहते थे की वह ठीक हो जाएगा तथा उसकी ऑंखें भी अन्य चीनियों की तरह काली हो जाएँगी जो नही हुई |
जब लड़के का चिकित्सिये निरिक्षण हुआ तो पाया गया की वह अंधेरे में भी उतनी आसानी से पढ़ सकता है जितनी आसानी से लोग दिन के उजाले में पढ़ सकते हैं |
विशेषज्ञों के अनुसार लड़के का जन्म जीर्ण अवस्था में हुआ था जिसे लयूकोदेर्मिया के नाम से जाना जाता है इस में धब्बा या पट्टी जैसा निशान वर्णक त्वचा पर होता है | लयूकोदेर्मिया का सटीक कारण अभी तक पूरी तरह से समझ नही आया है, यह स्वतः परिरक्षा विकार का परिणाम होता है | इसमे ऑंखें प्रकाश के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती हैं | और यह बिना रक्षात्मक वर्णक के होता है जो सामान्य आँखों में पाया जाता है |
यह विचित्र विसगती कई असहज सवाल उठता है की क्या मानव अभी भी निर्माण की प्रक्रिया में है |link
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बुधवार, 29 जुलाई 2009
दिल्लिंगेर का पिस्टल $९५,६०० में बिका
एक चोटी सी पिस्टल जो १९३० के कुख्यात बदमास जॉन दिल्लिंगेर का है एक निजी संग्रहकर्ता द्वारा $९५,६०० में ख़रीदा गया जो की अनुमानित बोली से दुगने से अधिक है |
डल्लास के हेरिटेज ऑक्शन गेल्लरी के अनुसार यह पिस्टल दिल्लिंगेर के जुराब में पाया गया था जब उसे एरिजोना के टुक्क्सोन शहर में १९३४ में गिरफ्तार किया गया था |
इस पिस्टल के मालिक जो ख़ुद को गुप्त रखना चाहता है के अनुसार उसे इसे अपने ख़राब स्वश्थ्य के कारण बेचा है उसके अनुसार उसे $३५००० से $ ४५००० तक की कीमत मिल जाएगा | पर एक निजी संग्रकर्ता ने इसे $९५६०० में खरीद लिया |link
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डल्लास के हेरिटेज ऑक्शन गेल्लरी के अनुसार यह पिस्टल दिल्लिंगेर के जुराब में पाया गया था जब उसे एरिजोना के टुक्क्सोन शहर में १९३४ में गिरफ्तार किया गया था |
इस पिस्टल के मालिक जो ख़ुद को गुप्त रखना चाहता है के अनुसार उसे इसे अपने ख़राब स्वश्थ्य के कारण बेचा है उसके अनुसार उसे $३५००० से $ ४५००० तक की कीमत मिल जाएगा | पर एक निजी संग्रकर्ता ने इसे $९५६०० में खरीद लिया |link
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सोमवार, 27 जुलाई 2009
वसा मुक्त चॉकलेट
अब आप चॉकलेट उस समय भी खा सकते हैं जब आप डाइट पर हों |
इसके निर्माता का कहना है की इसमे ९०% कम वशा है तथा यह इतनी आसानी से पिघलता भी नही है जितनी आसानी से आमतौर पर चॉकलेट पिघल जाते हैं |
स्विस चॉकलेट निर्माता बर्री काल्लेबौत ने इसका नाम "वुल्कानो" रखा है क्योंकि यह ५५ सेल्सियस पर भी नही पिघलता है |
कम्पनी के अधिवक्ता का कहना है की इसे हमारे कारीगरों ने एक दुर्घटना में विकसित किया | इसका निर्माण सुनियोजित नही था |
यह चॉकलेट मुह में तो पिघलता है पर मुह में उपस्थित लार के कारण ना की उस गर्मी के कारण जो की इसको घुलने के लिए चाहिए |
कम्पनी का कहना है की वह वुल्कानो को कैडबरी और नेस्त्ले को बेच सकती है या अपने चॉकलेट बार में इस्तेमाल कर सकती है अगले दो वर्षों के अन्दर |
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इसके निर्माता का कहना है की इसमे ९०% कम वशा है तथा यह इतनी आसानी से पिघलता भी नही है जितनी आसानी से आमतौर पर चॉकलेट पिघल जाते हैं |
स्विस चॉकलेट निर्माता बर्री काल्लेबौत ने इसका नाम "वुल्कानो" रखा है क्योंकि यह ५५ सेल्सियस पर भी नही पिघलता है |
कम्पनी के अधिवक्ता का कहना है की इसे हमारे कारीगरों ने एक दुर्घटना में विकसित किया | इसका निर्माण सुनियोजित नही था |
यह चॉकलेट मुह में तो पिघलता है पर मुह में उपस्थित लार के कारण ना की उस गर्मी के कारण जो की इसको घुलने के लिए चाहिए |
कम्पनी का कहना है की वह वुल्कानो को कैडबरी और नेस्त्ले को बेच सकती है या अपने चॉकलेट बार में इस्तेमाल कर सकती है अगले दो वर्षों के अन्दर |
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शनिवार, 25 जुलाई 2009
डा. अब्दुल कलम की तलाशी (भारत की बेइज्जती)
एक वाकया जो निश्चित रूप से भारतवासियों के लिए बड़ी शर्म की बात है| हमारे पूर्व राष्ट्रपति की कांटिनेंटल अमेरिकी एयरलाइन्स द्वारा तलाशी ली गई| एक अरब से ज्यादा की जनसँख्या वाला भारतवर्ष क्या इतना कमजोर है की वह अपने सर्वोच्च नागरिक के सम्मान की रक्षा भी नही कर सकता है | आज हम भले ही चाँद पर पहुँच जायें | पर जब हम अपने सम्मान की रक्षा नही कर सकते है तो यह सब व्यर्थ है |
अब्दुल कलम जी केवल हमारे राष्ट्रपति ही नही रहे है बल्कि युवाओं के आदर्श पुरूष भी हैं | क्या उनके साथ हुआ व्यव्हार छ्म्य है | इसका जवाब होगा नही | क्या भारतीये अधिकारी किसी देश एक पूर्व राष्ट्रपति की तलाशी लेने की हिम्मत कर सकतें है तो जवाब होगा नही |
मुझे याद है जब बिल क्लिंटन अपने कार्यकाल मैं भारत के दौरे पर आए थे | उस समय उनकी सुरक्षा मैं भारतीये जवान नही बल्कि अमेरिकी सुरक्षा कर्मी लगे थे | इसका अर्थ स्पष्ट था की अमेरिकी सुरक्षा तंत्र को भारत पर विश्वाश नही था |
भारत के प्रतिनिधियों के साथ ऐसा वाकिया पहली बार नही हुआ है | हमारे रक्षा मंत्री जार्ज फर्नाद्दिस की भी कपरे उतार कर तलाशी ली गई थी | एक स्वतंत्र देश की गरिमा का सम्मान दुसरे स्वतंत्र देश को करनी चाहिए |
यह घटना गुलामो के साथ होने वाली घटना के सामान है | इस घटना को हलके में नही लेना चाहिए | भारत सरकार को चाहिए की इसका मुखर विरोध करे | तथा इस एयरलाइन्स पर भारत में पाबंधी लगा देनी चाहिए | जो भारत का सम्मान नही कर सकता उसके लिए भारत में कोई जगह नही है |
भारत का आत्मसम्मान इतना सस्ता नही है जो किसी के हाथ की कठपुतली बन जाए | इस तरह की घटनाये निश्चित रूप से हमारे युवा विश्वाश को कम करती है और यह घटना इस बात का भी सूचक है तीसरी दुनिया का सक्तिशाली देश भारत वासत्व में कितना सक्तिशाली है |
क्या हम अपना आत्मा सम्मान बेच कर सक्तिशाली कहलाना पसंद करेंगे| जवाब है नही | क्योंकि बिना आत्म सम्मान के कोई भी सक्तिशाली या इज्जतदार नही बन सकता है |
आगे यह सवाल भारत की युवा पीढी, राजनयिक व उन सभी वर्गों पर छोड़ता हूँ जो विचारवान हैं | की हम सब को किस तरह आगे बढ़ाना है | आत्मसमान के साथ या इस के बिना?
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अब्दुल कलम जी केवल हमारे राष्ट्रपति ही नही रहे है बल्कि युवाओं के आदर्श पुरूष भी हैं | क्या उनके साथ हुआ व्यव्हार छ्म्य है | इसका जवाब होगा नही | क्या भारतीये अधिकारी किसी देश एक पूर्व राष्ट्रपति की तलाशी लेने की हिम्मत कर सकतें है तो जवाब होगा नही |
मुझे याद है जब बिल क्लिंटन अपने कार्यकाल मैं भारत के दौरे पर आए थे | उस समय उनकी सुरक्षा मैं भारतीये जवान नही बल्कि अमेरिकी सुरक्षा कर्मी लगे थे | इसका अर्थ स्पष्ट था की अमेरिकी सुरक्षा तंत्र को भारत पर विश्वाश नही था |
भारत के प्रतिनिधियों के साथ ऐसा वाकिया पहली बार नही हुआ है | हमारे रक्षा मंत्री जार्ज फर्नाद्दिस की भी कपरे उतार कर तलाशी ली गई थी | एक स्वतंत्र देश की गरिमा का सम्मान दुसरे स्वतंत्र देश को करनी चाहिए |
यह घटना गुलामो के साथ होने वाली घटना के सामान है | इस घटना को हलके में नही लेना चाहिए | भारत सरकार को चाहिए की इसका मुखर विरोध करे | तथा इस एयरलाइन्स पर भारत में पाबंधी लगा देनी चाहिए | जो भारत का सम्मान नही कर सकता उसके लिए भारत में कोई जगह नही है |
भारत का आत्मसम्मान इतना सस्ता नही है जो किसी के हाथ की कठपुतली बन जाए | इस तरह की घटनाये निश्चित रूप से हमारे युवा विश्वाश को कम करती है और यह घटना इस बात का भी सूचक है तीसरी दुनिया का सक्तिशाली देश भारत वासत्व में कितना सक्तिशाली है |
क्या हम अपना आत्मा सम्मान बेच कर सक्तिशाली कहलाना पसंद करेंगे| जवाब है नही | क्योंकि बिना आत्म सम्मान के कोई भी सक्तिशाली या इज्जतदार नही बन सकता है |
आगे यह सवाल भारत की युवा पीढी, राजनयिक व उन सभी वर्गों पर छोड़ता हूँ जो विचारवान हैं | की हम सब को किस तरह आगे बढ़ाना है | आत्मसमान के साथ या इस के बिना?
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सोमवार, 11 मई 2009
१०७ वर्षीय कुंवारी महिला को वर चाहिए

१०७ वर्षीय वांग गुइयिंग नामक चीनी महिला को पति की तलाश है | वांग गुइयिंग का जन्म एक नमक व्यापारी के यहाँ दक्षिण गिज्होऊ प्रोविंस में हुआ था | इन्होने अपने चाचा पिता को अपनी पत्नियो को मरते पिटते देखा था इस कारन इन्हे विवाह से डर लगने लगा और इन्होने शादी नही की |
अपने माता पिता और बड़ी बहन के मरने के बाद भी यह शादी से बचाती रही और दूरदराज में खेती बारी का काम ७४ वर्ष की अवस्था तक करती रही |
पर अब वांग गुइयिंग ने फैसला किया है की वह पुराणी बातो को भुला कर नई जिन्दगी की शुरुआत करेंगी इस के लिए इन्होने प्रेस से बात की है जो जीवन साथी ढूढने में इनकी मदद करेगा |
ये अपने को अपने भतीजों पर बोझ महसूस कर रही है | इनका कहना है की अब मेरे भतीजे भतीजियाँ बुढे हो गए है और उनके बच्चे बड़े हो गए है और मै उन पर और बोझ बनती जा रही हूँ |
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शनिवार, 9 मई 2009
मानविए संवेदनाओ वाला रोबोट शिक्षक
जापान के माध्यमिक विद्यालय में विश्व का पहला रोबोट शिक्षक ने पढ़ना शुरू कर दिया है | साया नाम के इस रोबोट के बारे में विद्यार्थियों का कहना है की उन्हें विश्वाश ही नही हो रहा है की उन्हें कोई रोबोट पढ़ा रहा है |
पहले रोबोट ने बच्चों का नाम पुकारा और बाद में उन्हें अपनी किताबें निकलने को कहा |
टोकियो विज्ञानं विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर हिरोशी कोबायाशी जीहेन यह रोबोट विकशित करने में १५ वर्ष लगे ने कहा बच्चे साया रोबोट से बिल्कुल नही घबराए |
उन्हें बिल्कुल ऐसा नही लगा की उनके सामने कोई यांत्रिक मानव है | बल्कि एक मानव ही उन्हें पढ़ा रहा है |
रोबोट किसी भी भाषा में बात कर सकता है | वह अपना सर घुमा सकता है तथा प्रश्नों का जवाब भी दे सकता है | इस अभी ७०० सब्धों तथा ३०० मुहावरे पता है |
प्रत्येक रोबोट शिक्षक की कीमत £25,००० है जो कीमत कूचा वर्षो में निकल आयेगी |
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पहले रोबोट ने बच्चों का नाम पुकारा और बाद में उन्हें अपनी किताबें निकलने को कहा |
टोकियो विज्ञानं विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर हिरोशी कोबायाशी जीहेन यह रोबोट विकशित करने में १५ वर्ष लगे ने कहा बच्चे साया रोबोट से बिल्कुल नही घबराए |
उन्हें बिल्कुल ऐसा नही लगा की उनके सामने कोई यांत्रिक मानव है | बल्कि एक मानव ही उन्हें पढ़ा रहा है |
रोबोट किसी भी भाषा में बात कर सकता है | वह अपना सर घुमा सकता है तथा प्रश्नों का जवाब भी दे सकता है | इस अभी ७०० सब्धों तथा ३०० मुहावरे पता है |
प्रत्येक रोबोट शिक्षक की कीमत £25,००० है जो कीमत कूचा वर्षो में निकल आयेगी |
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रविवार, 3 मई 2009
महिला ने ६० साल गर्भ धारण के पश्चात् पत्थर भ्रूण को जन्म दिया

९२ साल की चीनी महिला ह्वांग यिजुन ने एक बच्चे को जन्म दिया जो लिथोपेदिओं के रूप में जाना जाता है |
ह्वांग यिजुन ने बताया की उसके पास पैसे नही थे जब डॉक्टर ने १९४८ में बताया की उसका बच्चा गर्भ में ही मर गया है |इसलिए उसने मृत भ्रूण को नही निकलवाया |
लिथोपेदिओं चिकित्सा के क्षेत्र में होने वाली एक विरल घटना है जिसमे गर्भाधान असफल हो जाता है पर भ्रूण माँ के शरीर में ही रहता है| यह धीरे -धीरे पत्थर का रूप लेने लगता है जिससे महिला के शरीर में कोई संक्रमण ना हो पाए |
आप विश्वास करें या ना करें पर यदि कोई समस्या नही हो तो महिला इस अवस्था में अपना पूरा जीवन बिता सकती है.
चिकित्सा इतिहास में अबतक २९० ही एसे मामले दर्ज है|
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रविवार, 15 मार्च 2009
Dudharu Maa

दुधारू माँ
चीन की एक महिला को इतना ज्यादा दूध होता है की वह अपनी दो माह की बच्ची को रोज दूध से नहलाती है|
लुओ चोंगकिंग की रहने वाली महिला को प्रतिदिन दो लीटर दूध होता है जिससे वह अपनी बच्ची को नहलाती है |
महिला, पति और सास सभी यह दूध पीते हैं | सास का कहना है की उन्हें लगा की वे लोग ज्यादा ही दूध पिने लगे है इसलिए उसने सलाह दी की क्यो ना बच्ची को दूध से नहलाया जाए | दूध से नहाने से बच्ची की त्वचा भी कोमल हो गई है |
महिला अपना अतिरिक्त दूध दान करना चाहती है क्योंकि वह सोचती है की स्तन दूध से स्नान कुच्छ ज्यादा ही हो रहा है|
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शनिवार, 14 फ़रवरी 2009
Woman kills daughter to appease deity
एक अन्धविश्वासी घटना में माँ और भाई ने 10 वर्ष की लड़की की हत्या देवता को खुश करने के लिए कर दी. बिहार के सिवान जिले की हर्दोरावारा गाँव की सुनीता कुमारी की हत्या हरेन्द्र साह नाम के ओझा ( तांत्रिक ) के कहने पर उसकी माँ सचिया देवी और भाई रमेश कुमार इश्वरिये आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कर दी जिस्से उन्हें दुखों से छुटकारा मिल सके।
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गुरुवार, 5 फ़रवरी 2009
Species of flying snake found in Jharkhand
उड़नेवाले सांप की विशेष प्रजाति
झारखण्ड में उड़नेवाले सांप की प्रजाति मिली है | हरे रंग के इस सांप का व्यज्ञानिक नाम है ह्विप स्नैक | पतले लेकिन लंबे सांप की खासियत है कि यह पेड़ पर ही रहता है|
इसका रंग हरा होता है, इस कारण पेड़ कि टहनियों पर आसानी से दिखाई नही देता है | दो माह पहले जंगल से पकड़े गए इस प्रजाति के एक सांप को ओरमांझी स्थित बिरसा जैविक उद्यान के स्नैक हाउस में रखा गया है | इसे भोजन के लिए कई पारकर के जीव दिए गए, लेकिन उसे कुछ भी नही भाया|
उसके सामने छिपकली, चूहा, मुर्गा, रखे गए, लेकिन उसने भोजन नही लिया| विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दी के मौसम में सांप भोजन नही करते है
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झारखण्ड में उड़नेवाले सांप की प्रजाति मिली है | हरे रंग के इस सांप का व्यज्ञानिक नाम है ह्विप स्नैक | पतले लेकिन लंबे सांप की खासियत है कि यह पेड़ पर ही रहता है|
इसका रंग हरा होता है, इस कारण पेड़ कि टहनियों पर आसानी से दिखाई नही देता है | दो माह पहले जंगल से पकड़े गए इस प्रजाति के एक सांप को ओरमांझी स्थित बिरसा जैविक उद्यान के स्नैक हाउस में रखा गया है | इसे भोजन के लिए कई पारकर के जीव दिए गए, लेकिन उसे कुछ भी नही भाया|
उसके सामने छिपकली, चूहा, मुर्गा, रखे गए, लेकिन उसने भोजन नही लिया| विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दी के मौसम में सांप भोजन नही करते है
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रविवार, 1 फ़रवरी 2009
Goblin Shark of Tokyo Bay
मित्सुकुरिना ओव्स्तोनी नाम से जाना जाने वाली यह शार्क अकेला और भद्दा प्राणी है | यह अपनी विचित्र थुथने से पहचाना जाता है जो दूसरे शार्कों से बहुत बड़ा होता है | इसके शरीर का गुलाबी रंग इसे और भी भद्दा बना देता है | इसकी सबसे विचित्र बात इसका बेकार जबरा है जिससे ऐसा लगता है की उसका शिकार जो की मछली, केकरे है मुहं से बाहर आ रहे हो | आप निचे विडियो में इसको देख सकतें है | यह शार्क प्रकृति की एक पहेली जैसा है निश्चित ही विचित्र उदहारण|
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गुरुवार, 29 जनवरी 2009
Girl forced to marry dog in bizarre ritual

झारखण्ड के मुंडा धंदा गाँव में के लड़की की आवारा कुते से शादी परिवार को बुरी आत्माओं से बचने के लिए कर दी |
यह शादी इसलिए की गई की परिवार पर आने वाली किसी भी तरह की विपदा से बचा जा सके |
मजेदार बात यह है की यह लड़की बाद में किसी भी लड़के के साथ शादी करने के लिए स्वतंत्र है |
निश्चित रूप से इस तरह की अन्धविश्वास की घटनाये हमें यह सोचने पर मजबूर करती है की क्या हम आधुनिक भारत में जी रहे है |
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गुरुवार, 22 जनवरी 2009
You Can't Believe This Flying Fish
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उड़ती हुई मछली
आप निचे विडियो में जापान की उड़ती हुई मछली को देख सकते है
उड़ती हुई मछली
आप निचे विडियो में जापान की उड़ती हुई मछली को देख सकते है
रविवार, 18 जनवरी 2009
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